केंद्र को तीन कृषि कानूनों के विरोध में किसानों का आंदोलन रविवार को भी जारी है। प्रदर्शन के चौथे दिन किसान दिल्ली के तीन बॉर्डर पर डटे हुए हैं। वहीं इस बीच कई नेताओं ने किसानों के इस आंदोलन का समर्थन किया है और केन्द्र सरकार की आलोचना की है। इसी बीच शिवसेना नेता संजय राउत ने कहा है कि किसानों के साथ आतंकियों जैसा बर्ताव किया जा रहा है।
संजय राउत ने कहा कि जिस तरह से किसानों को दिल्ली में आने से रोका गया है, ऐसा लगता है कि वे देश के नहीं, बल्कि बाहर के किसान हैं। उनके साथ आतंकवादियों जैसा बर्ताव किया जा रहा है। इस तरह का बर्ताव करना देश के किसानों का अपमान करना है।
राउत के इस बयान पर पलटवार करते हुए भाजपा के शाहनवाज़ हुसैन ने कहा कि किसानों की चिंता हम करते हैं और करते रहेंगे। किसान हमारे दिल में बसते हैं, किसानों को भड़काने का काम कोई ना करें। हम जो फैसला लेते हैं वो किसानों के हित में होता है। लोगों के बीच गलतफहमी पैदा की जा रही है, हमारी अपील है कि वो गलतफहमी के शिकार ना हो।
इससे पहले बहुजन समाज पार्टी (बसपा) अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन कर रहे किसानों का रविवार को समर्थन करते हुए केंद्र सरकार को इन कानूनों पर पुनर्विचार करने की सलाह दी। मायावती ने ट्वीट किया कि पूरे देश में किसान केंद्र सरकार द्वारा कृषि से संबंधित हाल में लागू किये गये तीन कानूनों को लेकर काफी नाराज हैं और इनके खिलाफ आंदोलन कर रहे हैं। उन्होंने ट्वीट कर कहा कि केंद्र सरकार किसानों की आम सहमति के बिना बनाये गये इन कानूनों पर अगर पुनर्विचार कर ले, तो बेहतर होगा।
बसपा के अलावा समाजवादी पार्टी (सपा) और कांग्रेस समेत उत्तर प्रदेश में कई प्रमुख राजनीतिक दलों ने किसानों के आंदोलन का समर्थन किया है। पूर्व मुख्यमंत्री और सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने शनिवार को किसानों के आंदोलन का समर्थन करते हुए पत्रकारों से कहा कि किसानों पर इस तरह की लाठी किसी ने नहीं चलाई होगी और इस तरह का आतंकी हमला किसी सरकार ने नहीं किया होगा, जैसा भाजपा की सरकार में हो रहा है। ये वही लोग हैं, जिन्होंने किसानों से कहा था कि वे सत्ता में आने पर उनके सिर्फ कर्ज माफ नहीं करेंगे बल्कि पैदावार की कीमत देंगे और आय दोगुनी कर देंगे, लेकिन जबसे भाजपा सरकार आई है, तब से सबसे ज्यादा गरीब और किसान बर्बाद हुए हैं।
आपको बता दें कि पंजाब और हरियाणा से बड़ी संख्या में किसान केंद्र द्वारा पास किए गए कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली में प्रदर्शन करने के लिए आ रहे हैं। इस दौरान दिल्ली बॉर्डर पर किसानों पर वाटर कैनन और आसूं गैस के गोले दागकर उन्हें रोकने की कोशिश की गई। कई जगहों पर बोल्डर रखकर और गढ्ढे खोदकर भी किसानों को रोकने की कोशिश की गई थी लेकिन किसान नहीं माने। फिलहाल उन्हें कई शर्तों के साथ दिल्ली के बुराड़ी इलाके में प्रदर्शन की इजाजत दी गई है लेकिन किसान मानने को तैयार नहीं हैं। फिलहाल वे अपनी मांगों के साथ सिंघु बॉर्डर पर ही जमे हुए हैं।
अच्छी पत्रकारिता मायने रखती है, संकटकाल में तो और भी अधिक
-क्यों न्यूज़ मीडिया संकट में है और कैसे आप इसे संभाल सकते हैं
-आप ये इसलिए पढ़ रहे हैं क्योंकि आप अच्छी, समझदार और निष्पक्ष पत्रकारिता की कद्र करते हैं. इस विश्वास के लिए हमारा शुक्रिया.
-आप ये भी जानते हैं कि न्यूज़ मीडिया के सामने एक अभूतपूर्व संकट आ खड़ा हुआ है. आप मीडिया में भारी सैलेरी कट और छटनी की खबरों से भी वाकिफ होंगे. मीडिया के चरमराने के पीछे कई कारण हैं. पर एक बड़ा कारण ये है कि अच्छे पाठक बढ़िया पत्रकारिता की ठीक कीमत नहीं समझ रहे हैं.
-द दस्तक 24 अच्छे पत्रकारों में विश्वास करता है. उनकी मेहनत का सही मान भी रखता है. और आपने देखा होगा कि हम अपने पत्रकारों को कहानी तक पहुंचाने में जितना बन पड़े खर्च करने से नहीं हिचकते. इस सब पर बड़ा खर्च आता है. हमारे लिए इस अच्छी क्वॉलिटी की पत्रकारिता को जारी रखने का एक ही ज़रिया है– आप जैसे प्रबुद्ध पाठक इसे पढ़ने के लिए थोड़ा सा दिल खोलें और मामूली सा बटुआ भी.
अगर आपको लगता है कि एक निष्पक्ष, स्वतंत्र, साहसी और सवाल पूछती पत्रकारिता के लिए हम आपके सहयोग के हकदार हैं तो नीचे दिए गए लिंक को क्लिक करें और हमारे यूट्यूब चैनल को सब्सक्राइब करें . आपका प्यार द दस्तक 24 के भविष्य को तय करेगा.
https://www.youtube.com/channel/UC4xxebvaN1ctk4KYJQVUL8g
आदर्श कुमार
संस्थापक और एडिटर-इन-चीफ