प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को लगातार दूसरे दिन विकास के मसले पर दुनिया को भविष्य का रास्ता दिखाया। जी 20 देशों के शिखर सम्मेलन में कहा, दुनिया तकनीक के सहयोग से तेजी से विकास कर सकती है। इस कार्य में विकासशील देशों को आर्थिक मदद देकर उन्हें मजबूत बनाया जाना चाहिए। मोदी ने पर्यावरण को लेकर पैदा हो रही चुनौतियों से भी लड़ने की आवश्यकता जताई। इसके लिए ज्यादा प्रभावी तरीकों को अपनाने पर बल दिया।
पृथ्वी की रक्षा के मसले पर दुनिया के सबसे संपन्न देशों से मोदी ने कहा, भारत केवल पेरिस समझौते के प्रावधानों को ध्यान में रखकर कार्य नहीं कर रहा, बल्कि उससे आगे की भी सोच रहा है। प्रकृति के साथ जीवन जीने की अपनी प्राचीन परंपरा से प्रेरित होकर भारत कम कार्बन उत्सर्जन और प्रकृति के सापेक्ष विकास व्यवस्था खड़ी करने की दिशा में कार्य कर रहा है।
प्रधानमंत्री ने कहा, इस कार्य में अगर तकनीक का सहयोग लिया जाए तो दुनिया तेजी से विकास कर सकती है। इस सिलसिले में विकासशील देशों की आर्थिक जरूरतें पूरी की जानी चाहिए। तब पृथ्वी को बचाने की दिशा में हम बेहतर तरीके से आगे बढ़ सकेंगे। समूची मानवता के हितों की रक्षा करके ही पृथ्वी की रक्षा के संकल्प को पूरा कर सकते हैं।
मोदी ने कहा, इस समय जबकि हम कोविड-19 के दुष्प्रभाव से अपने नागरिकों और अर्थव्यवस्था को बचाने की कोशिश में जुटे हैं, हमारे लिए उतना ही जरूरी पर्यावरण को बचाना भी है। इसके लिए हमें एकजुट होकर प्रभावशाली कदम उठाने होंगे, समयबद्ध तरीकों से लक्ष्यों की प्राप्ति करनी होगी।
प्रधानमंत्री ने कहा कि हम अरबों डॉलर जुटाने, हजारों हितधारकों को प्रशिक्षित करने और अक्षय ऊर्जा में अनुसंधान और विकास को बढ़ावा देने की योजना बना रहे हैं। अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन कार्बन उत्सर्जन को कम करने में मददगार साबित होगा। हमारी सरकार ने जलवायु परिवर्तन के मसले पर कई महत्वपूर्ण काम किए हैं। हमने उज्ज्वला योजना के माध्यम से आठ करोड़ से अधिक घरों को धुआं मुक्त रसोई प्रदान की है।
भारत पर्यावरण सुधार के लिए संयुक्त राष्ट्र के बैनर तले 2015 में हुए पेरिस समझौते का हस्ताक्षरी सदस्य है। इस समझौते का उद्देश्य दुनिया में कार्बन और जहरीली गैसों का उत्सर्जन कम करना है। प्रधानमंत्री मोदी ने पर्यावरण सुधार के लिए भारत सरकार के कदमों की जानकारी जी 20 देशों को दी। उल्लेखनीय है कि जी-20 सम्मेलन में अमेरिका, चीन, जर्मनी, रूस, ब्रिटेन समेत दुनिया के 20 अग्रणी देशों के शासन प्रमुख हिस्सा ले रहे हैं। भारत भी इस समूह का सदस्य है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को 15वें G-20 शिखर सम्मेलन को संबोधित करते हुए कोविड-19 को द्वितीय विश्व युद्ध के बाद की सबसे बड़ी आपदा करार दिया था। उन्होंने महामारी के खिलाफ एकजुट होकर उससे मुकाबले का आह्वान किया था। वहीं चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग ने आपसी बातचीत के जरिये विवादों को सुलझाए जाने की वकालत की थी। दूसरे देशों की संप्रभुता को चोट पहुंचाने वाले चिनफिंग ने कहा था कि चीन विश्व शांति के लिए हमेशा प्रयास करता रहेगा और वैश्विक व्यवस्था बनाए रखने में सहयोग देगा।
अच्छी पत्रकारिता मायने रखती है, संकटकाल में तो और भी अधिक
-क्यों न्यूज़ मीडिया संकट में है और कैसे आप इसे संभाल सकते हैं
-आप ये इसलिए पढ़ रहे हैं क्योंकि आप अच्छी, समझदार और निष्पक्ष पत्रकारिता की कद्र करते हैं. इस विश्वास के लिए हमारा शुक्रिया.
-आप ये भी जानते हैं कि न्यूज़ मीडिया के सामने एक अभूतपूर्व संकट आ खड़ा हुआ है. आप मीडिया में भारी सैलेरी कट और छटनी की खबरों से भी वाकिफ होंगे. मीडिया के चरमराने के पीछे कई कारण हैं. पर एक बड़ा कारण ये है कि अच्छे पाठक बढ़िया पत्रकारिता की ठीक कीमत नहीं समझ रहे हैं.
-द दस्तक 24 अच्छे पत्रकारों में विश्वास करता है. उनकी मेहनत का सही मान भी रखता है. और आपने देखा होगा कि हम अपने पत्रकारों को कहानी तक पहुंचाने में जितना बन पड़े खर्च करने से नहीं हिचकते. इस सब पर बड़ा खर्च आता है. हमारे लिए इस अच्छी क्वॉलिटी की पत्रकारिता को जारी रखने का एक ही ज़रिया है– आप जैसे प्रबुद्ध पाठक इसे पढ़ने के लिए थोड़ा सा दिल खोलें और मामूली सा बटुआ भी.
अगर आपको लगता है कि एक निष्पक्ष, स्वतंत्र, साहसी और सवाल पूछती पत्रकारिता के लिए हम आपके सहयोग के हकदार हैं तो नीचे दिए गए लिंक को क्लिक करें और हमारे यूट्यूब चैनल को सब्सक्राइब करें . आपका प्यार द दस्तक 24 के भविष्य को तय करेगा.
https://www.youtube.com/channel/UC4xxebvaN1ctk4KYJQVUL8g
आदर्श कुमार
संस्थापक और एडिटर-इन-चीफ