एकजुट होकर महामारी का मुकाबला करें देश:पीएम मोदी, चिनफिंग ने कहा- बातचीत से निपटाए जाएं आपसी विवाद

सऊदी अरब के शाह सलमान की मेजबानी में शनिवार को जी 20 देशों का शिखर सम्मेलन शुरू हो गया। सीमा पर चल रहे तनाव के बीच भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग एक बार फिर साथ थे लेकिन वर्चुअल स्वरूप में। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कोविड-19 को द्वितीय विश्व युद्ध के बाद की सबसे बड़ी आपदा बताते हुए एकजुट होकर उससे मुकाबले का आह्वान किया। शाह सलमान ने भी मोदी की बात से इत्तेफाक जाहिर किया। वहीं चीन के राष्‍ट्रपति शी चिनफिंग ने कहा कि विवाद बातचीत के जरिये सुलझाए जाने चाहिए।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, कोविड के दौर में वर्क फ्रॉम एनीव्हेयर का चलन सामान्य स्थिति ग्रहण कर चुका है। इन परिस्थितियों में जी 20 का वर्चुअल सचिवालय भी ऐसे ही कार्य कर सकता है। मोदी ने इस तरह के कार्यों में भारत की सूचना प्रौद्योगिकी (आइटी) में कुशलता का लाभ देने का भी प्रस्ताव किया।
प्रधानमंत्री मोदी ने कोविड के बाद की स्थितियों में हालात सुधारने के लिए पांच सुझाव दिए। इनमें, 1- प्रतिभाशाली लोगों का पूल बनाना, 2- तकनीक का बेहतर इस्तेमाल, 3- समाज के सभी वर्गों तक बेहतर पहुंच, 4- शासन में पारदर्शिता, 5- धरती माता के प्रति अपने कर्तव्यों का सही तरीके से पालन। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि इन तरीकों पर अमल कर जी 20 देश नई दुनिया का निर्माण कर सकते हैं।
बाद में प्रधानमंत्री मोदी ने ट्वीट कर सम्मेलन में उपजे विचारों का उल्लेख कर विश्वास जताया कि महामारी के बाद दुनिया तेज गति से आर्थिक नुकसान की भरपाई करेगी। प्रधानमंत्री ने इस बैठक में हुई बातचीत की जानकारी देते हुए कहा कि जी-20 नेताओं के साथ बहुत ही उपयोगी चर्चा हुई। दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं की ओर से किए गए एकजुट प्रयासों से निश्चित तौर पर महामारी पर काबू पाया जाएगा।
प्रधानमंत्री ने यह भी बताया कि उन्‍होंने इस शिखर सम्मेलन में प्रतिभा, प्रौद्योगिकी, पारदर्शिता और भरोसे के आधार पर एक नया वैश्विक सूचकांक विकसित करने की जरूरत को सामने रखा। पीएम मोदी ने ट्वीट कर कहा, ‘मैंने जी-20 शिखर सम्मेलन में प्रतिभा, प्रौद्योगिकी, पारदर्शिता के आधार पर एक नए वैश्विक सूचकांक विकसित करने पर जोर दिया।’
प्रधानमंत्री मोदी ने यह भी कहा कि नई प्रौद्योगिकियों के मूल्य की माप मानवता में इसके योगदान के आधार पर किया जाना चाहिए। हमारी प्रक्रियाओं में पारदर्शिता समाज को सामूहिक रूप से और आत्मविश्वास के साथ संकट से लड़ने के लिए प्रेरित करने में मदद करती है। उन्‍होंने आगे कहा कि धरती के प्रति भरोसे की भावना हमें स्वस्थ और समग्र जीवन शैली के लिए प्रेरित करेगी।
प्रधानमंत्री ने कोरोना जैसी महामारी के बीच इस शिखर सम्‍मेलन को वर्चुअल तरीके से आयोजित कराने को लेकर सऊदी अरब को धन्‍यवाद दिया। दुनिया के सबसे संपन्न और शक्तिशाली देशों के इस वर्चुअल सम्मेलन में किंग सलमान ने अपने भाषण में कोरोना वायरस का एकजुट होकर मुकाबला करने का आह्वान किया। उन्होंने कहा, यह समय है जब दुनिया की सबसे प्रभावशाली संस्था अपनी एकजुटता साबित कर मानवता को संकट से उबार सकती है।
सम्मेलन में चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग ने बातचीत के जरिये विवाद सुलझाए की बात कही। उन्‍होंने कहा, विवाद बातचीत के जरिये सुलझाए जाने चाहिए। चीन विश्व शांति के लिए हमेशा प्रयास करता रहेगा और वैश्विक व्यवस्था बनाए रखने में सहयोग देगा। साथ ही वैश्विक विकास में भागीदारी निभाएगा। परस्पर सम्मान, बराबरी और आपसी हित के लिहाज से चीन सभी देशों के साथ सहयोग को तैयार है। दरअसल चीन एकओर बातचीत का दिखावा कर रहा है तो वहीं दूसरी ओर सीमा पर अपनी सेना को भी लगा रखा है। जाहिर है चीन वैश्विक मंच पर अपना उदारवादी चेहरा दिखाने की कोशिश में है।
सम्‍मेलन में हिस्‍सा लेने के लिए सऊदी अरब के शाह सलमान बिन अब्दुलअजीज अल सऊद ने प्रधानमंत्री मोदी को न्‍यौता दिया था। सऊदी अरब विश्व की प्रमुख 20 अर्थव्यवस्थाओं के समूह जी-20 का मौजूदा अध्यक्ष है। इस शिखर सम्मेलन की थीम सभी के लिए ’21वीं सदी के अवसरों का अनुभव’ है। इस बार वचुअल माध्‍यम से आयोजित हो रहे सम्‍मेलन में विभिन्न देशों के राष्ट्रपतियों और प्रधानमंत्रियों के बीच बंद कमरों में होने वाली बैठकें भी नहीं हो रही हैं। हाल ही में डब्ल्यूएचओ के प्रमुख टेड्रोस एडहानॉम घेब्रेयस ने कहा था कि जी-20 शिखर सम्मेलन के नेताओं के पास कोरोना के इलाज और टीकों की समान पहुंच सुनिश्चित करने का सुनहरा मौका है।

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आदर्श कुमार

संस्थापक और एडिटर-इन-चीफ