बीते तीन-चार महीने से उत्तर प्रदेश में जबरन धर्मांतरण के बढ़ते मामले देख योगी आदित्यनाथ सरकार ने सख्त कानून बनाने के साथ ही आरोपितों को कड़ा दंड देने का मसौदा तैयार कर लिया है। लव जिहाद के मामले में पांच वर्ष तक की तथा सामूहिक धर्मांतरण कराने के मामले में 10 वर्ष तक की सजा का प्रावधान करने की तैयारी है। यह अपराध गैरजमानती होगा।
गृह विभाग ने कई राज्यों में धर्मांतरण को लेकर लागू कानूनों का अध्ययन कर रिपोर्ट तैयार की है। सूबे में जबरन धर्मांतरण के मामलों में सरकार जल्द उप्र विधि विरुद्ध धर्मांतरण प्रतिषेध अध्यादेश-2020 लाने की तैयारी में है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आपराधिक मानसिकता से जबरन धर्मांतरण के मामलों को लेकर कड़ा कानून बनाने की घोषणा की थी, जिसके बाद गृह विभाग ने लव-जिहाद को लेकर अध्यादेश का मसौदा तैयार किया है, जिसे न्याय विभाग के पास भेजा गया है। सीएम योगी आदित्यनाथ ने मसौदे को मंजूरी दे दी है और उसे जल्द कैबिनेट में पेश किया जाएगा।
योगी आदित्यनाथ ने 31 अक्टूबर को जौनपुर के मल्हनी विधानसभा क्षेत्र में हुई चुनावी सभा में भी कहा था कि सरकार लव- जिहाद को सख्ती से रोकेगी। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने निर्णय दिया है कि शादी के लिए धर्म परिवर्तन आवश्यक नहीं है। इसके लिए सरकार जल्द प्रभावी कानून बनाएगी। इसे लेकर गृह विभाग ने अपने मसौदे में जबरन या कोई प्रलोभन देकर किसी का धर्म परिवर्तन कराए जाने या विवाह के जरिये एक धर्म से दूसरे धर्म में परिवर्तन को अपराध की श्रेणी में रखने की बात कही है। नाबालिग लड़की तथा अनुसूचित जाति व अनुसूचित जनजाति की महिला के जबरन या विवाह के लिए धर्म परिवर्तन कराए जाने की दशा में और कठोर सजा होगी।
इसके अलावा सामूहिक धर्म परिवर्तन के मामलों में शामिल संबंधित सामाजिक संगठनों का पंजीकरण निरस्त कर उनके विरुद्ध भी कार्रवाई की जाएगी। जबरन धर्म परिवर्तन के मामलों में साक्ष्य देने का भार भी आरोपित पर होगा। यानी कपटपूर्वक, जबरदस्ती या विवाह के लिए किसी का धर्म परिवर्तन करने के मामलों में आरोपित को ही साबित करना होगा कि ऐसा नहीं हुआ। धर्म परिर्वतन के लिए विहित प्राधिकारी के समक्ष यह घोषणा भी करनी होगी।
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आदर्श कुमार
संस्थापक और एडिटर-इन-चीफ