16 नवंबर फ्रांस की एक पत्रिका में ईशनिंदात्मक कार्टून छापे जाने की निंदा करते हुए और फ्रांस के राजदूत को निष्कासित किए जाने की मांग को लेकर एक चरमपंथी धार्मिक समूह के सैकड़ों कार्यकर्ताओं ने सोमवार को राष्ट्रीय राजधानी में प्रदर्शन किया।
तहरीक ए लब्बैक पाकिस्तान (टीएलपी) के नेता मौलवी हुसैन रिजवी ने रविवार को रावलपिंडी के गैरिसन सिटी के मुर्रे रोड पर प्रदर्शन मार्च का आयोजन किया।
पुलिस ने पथराव कर रहे टीएलपी प्रदर्शनकारियों को तितर बितर करने के लिए आंसू गैस के गोले छोड़े। प्रदर्शनकारी रावलपिंडी और इस्लामाबाद को जोड़ने वाले फैजाबाद चौराहे तक पहुंच गए और वहां पर धरना शुरू कर दिया।
धरना में रिजवी शामिल नहीं हुए लेकिन उनके प्रतिनिधि प्रदर्शनकारियों का नेतृत्व कर रहे थे और फ्रांस के दूत को भेजने तक वहां से जाने से इनकार कर दिया। टीएलपी सबसे पहले 2017 में चर्चा में आया था जब उसने निर्वाचित प्रतिनिधियों के शपथ में कुछ बदलावों का विरोध किया था और फैजबाद में धरना शुरू कर दिया । इस कारण से इस्लामाबाद में जन-जीवन पर असर पड़ा था। कानून मंत्री को हटाए जाने के बाद टीएलपी ने अपना धरना खत्म किया था। उस समय विपक्ष के नेता रहे इमरान खान ने टीएलपी का समर्थन किया था क्योंकि वह पीएमएल-एन नीत सरकार को हटाना चाहते थे । हालांकि अब प्रधानमंत्री इमरान खान को उसी खतरे का समाना करना पड़ रहा है।
इस्लामाबाद प्रशासन ने राजनयिक इनक्लेव की तरफ जाने वाले कई मार्गों पर आवाजाही रोक दी और रेड जोन को भी बंद कर दिया है जहां कई महत्वपूर्ण कार्यालय हैं ।
पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच कल रात कई घंटे तक झड़पें होती रही जिसमें कई लोग घायल हो गए। पुलिस ने गड़बड़ी फैलाने वाले 200 लोगों को गिरफ्तार करने का दावा किया है।