बिहार विधानसभा चुनाव के लिए हो रहा मतदान आज शाम को खत्म हाे जाएगा। इसके बाद सभी की निगाहें दस नवंबर पर है। उसी दिन यह पता चलेगा कि क्या नीतीश कुमार एक बार फिर से मुख्यमंत्री बनेंगे या लालू के लाल बिहार पर राज करेंगे। कोरोना प्रोटोकाल के कारण इस बार विधानसभा सीटों के परिणाम आने में देर हो सकती है। चुनाव आयोग के दिशा-निर्देश के अनुसार मतगणना हॉल के अंदर अधिकतम सात मतगणना टेबल ही लगाने की अनुमति होगी। इस प्रकार प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र के लिए 3-4 हॉल की जरूरत होगी।
आयोग के अनुसार मतगणना टेबुल पर कंट्रोल यूनिट और वीवीपैट के केयरिंग केस को लाने के पूर्व सेनेटाइज किया जाएगा। कंट्रोल यूनिट और वीवीपैट के डी सीलिंग और चुनाव परिणाम को प्रदर्शित करने के लिए प्रत्येक टेबल पर एक कर्मी प्रतिनियुक्त होंगे। चुनाव आयोग से मिली जानकारी के मुताबिक बिहार विस चुनाव का परिणाम इस बार आने में थोड़ी देरी होगी। कोरोना काल में हो रहे चुनाव को लेकर बूथों की संख्या में 45 फीसदी की बढ़ोतरी के कारण सभी बूथों के वोटों की गिनती में थोड़ा अधिक समय लगेगा। बताया गया कि आयोग ने सभी स्ट्रांग रूम की सख्त सुरक्षा की व्यवस्था की है। आयोग के दिशा-निर्देश के अनुसार त्रिस्तरीय सुरक्षा व्यवस्था की गयी है। वहां सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं, कोई भी उम्मीदवार या दल के प्रतिनिधि इसे देख सकते हैं। चुनाव परिणाम बड़े पर्दे पर प्रदर्शित किया जाएगा आयोग ने निर्देश दिया है कि बड़े पैमाने पर मतगणना (काउंटिंग) एजेंट को जगह उपलब्ध कराने में कठिनाई हो तो ऐसी स्थिति में कंट्रोल यूनिट के माध्यम से प्रदर्शित होने वाले चुनाव परिणामों को बड़े पर्दे पर प्रदर्शित करने की व्यवस्था की जाएगी। ताकि मतगणना एजेंट को असुविधा नहीं हो।
इसके अतिरिक्त आयोग ने मतगणना केंद्र को मतगणना शुरू होने, मतगणना के दौरान और मतगणना के बाद इंफेक्शन मुक्त किये जाने का भी निर्देश दिया है।
चुनाव आयोग ने पोस्टल बैलेट की गिनती को लेकर अतिरिक्त सहायक निर्वाची पदाधिकारी की आवश्यकता जतायी है। इसके लिए निर्वाची पदाधिकारी/ सहायक निर्वाची पदाधिकारी की देखरेख में अलग हॉल की व्यवस्था करने की स्वीकृति भी दी है।
अपर मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी संजय कुमार सिंह ने बताया कि मतगणना केंद्र सभी जिलों में बनाये गए है। सभी केंद्रों के सभी प्रवेश द्वार पर सुरक्षा बलों की तैनाती की जाएगी। इसके लिए जिला निर्वाचन पदाधिकारी के स्तर से सभी जिलों में निर्देश जारी किए गए हैं।
अच्छी पत्रकारिता मायने रखती है, संकटकाल में तो और भी अधिक
-क्यों न्यूज़ मीडिया संकट में है और कैसे आप इसे संभाल सकते हैं
-आप ये इसलिए पढ़ रहे हैं क्योंकि आप अच्छी, समझदार और निष्पक्ष पत्रकारिता की कद्र करते हैं. इस विश्वास के लिए हमारा शुक्रिया.
-आप ये भी जानते हैं कि न्यूज़ मीडिया के सामने एक अभूतपूर्व संकट आ खड़ा हुआ है. आप मीडिया में भारी सैलेरी कट और छटनी की खबरों से भी वाकिफ होंगे. मीडिया के चरमराने के पीछे कई कारण हैं. पर एक बड़ा कारण ये है कि अच्छे पाठक बढ़िया पत्रकारिता की ठीक कीमत नहीं समझ रहे हैं.
-द दस्तक 24 अच्छे पत्रकारों में विश्वास करता है. उनकी मेहनत का सही मान भी रखता है. और आपने देखा होगा कि हम अपने पत्रकारों को कहानी तक पहुंचाने में जितना बन पड़े खर्च करने से नहीं हिचकते. इस सब पर बड़ा खर्च आता है. हमारे लिए इस अच्छी क्वॉलिटी की पत्रकारिता को जारी रखने का एक ही ज़रिया है– आप जैसे प्रबुद्ध पाठक इसे पढ़ने के लिए थोड़ा सा दिल खोलें और मामूली सा बटुआ भी.
अगर आपको लगता है कि एक निष्पक्ष, स्वतंत्र, साहसी और सवाल पूछती पत्रकारिता के लिए हम आपके सहयोग के हकदार हैं तो नीचे दिए गए लिंक को क्लिक करें और हमारे यूट्यूब चैनल को सब्सक्राइब करें . आपका प्यार द दस्तक 24 के भविष्य को तय करेगा.
https://www.youtube.com/channel/UC4xxebvaN1ctk4KYJQVUL8g
आदर्श कुमार
संस्थापक और एडिटर-इन-चीफ