बिहार में अंतिम चरण के मतदान से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बिहारवासियों को एकबार फिर से यह याद दिला दी है कि बिहार का विकास राजग (एनडीए) ही कर सकता है। कानून का राज राजग काल में ही हो सकता है। अब तक का विकास भी राजग के काल में ही हुआ और आगे भी राजग ही विकास को गति दे सकता है। लिहाजा जात पात की बजाय विकास पर ही वोट पड़ना चाहिए।
गुरुवार को बिहार के आखिरी चरण के लिए चुनावी अभियान खत्म हो गया। उसी दिन चार पेज लंबे पत्र में प्रधानमंत्री ने विकास से जुड़े लगभग सभी कार्यक्रम का जिक्र किया। किसी दूसरे पक्ष पर कोई आरोप लगाने की बजाय पूरी तरह सकारात्मक पत्र में प्रधानमंत्री मोदी ने संतोष जताया कि बिहार चुनाव पूरी तरह विकास पर केंद्रित रहा। वर्ष 2005 के बाद से बिहार में माहौल बदला, नव निर्माण की प्रक्रिया आरंभ हुई, इंफ्रास्ट्रक्चर और कानून का राज स्थापित हुआ और इसके जरिए सामाजिक और आर्थिक संपन्नता आई। बिजली, पानी, सड़क, इलाज, शिक्षा के क्षेत्र में तेजी से काम हुआ और यही कारण है कि बिहार अभाव से आकांक्षा की ओर बढ़ा। प्रधानमंत्री ने केंद्रीय योजनाओं और राज्य के प्रयास का जिक्र करते हुए याद दिलाया कि हर गरीब को पक्का मकान, घर घर शौचालय, नल से जल, गैस कनेक्शन बिना भेदभाव के हर किसी तक पहुंच रहा है। यह इसलिए संभव हुआ क्योंकि बिहारवासियों ने बदलाव के लिए राजग पर भरोसा जताया था। हाल में लांच किए गए स्वामित्व योजना की याद दिलाते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि बिहारवासी उसका भी इंतजार कर रहे हैं। इस योजना के तहत ग्रामीणों को घर जमीन का दस्तावेज दिया जा रहा है ताकि वह लोन ले सकें।
पत्र में गरीबों से जुड़ी योजनाओं का किया उल्लेख
एक तरफ जहां प्रधानमंत्री से गरीबों से जुड़ी योजनाओं का उल्लेख किया वहीं पढ़े लिखे मध्यम और उच्च वर्गीय समाज को यह भी याद दिलाया कि एअरपोर्ट, वाटरपोर्ट, ईज आफ लिविंग में सुधार के लिए राजग कृतसंकल्प है। बिहार में दुकान या फैक्ट्री चलाने वाले भयमुक्त हैं। भाजपा के घोषणापत्र मे मातृभाषा में तकनीकी शिक्षा की घोषणा की गई थी। प्रधानमंत्री ने उसका भी उल्लेख किया। एक छोटी कविता के माध्यम से उन्होंने यह भी भरोसा जताया कि बिहार में जात पात पर नहीं विकास पर वोट पड़ेगा, कुशासन नहीं सुशासन के लिए वोट पड़ेगा। भ्रष्टाचार नहीं ईमानदारी के लिए वोट पड़ेगा।
पूरे चुनाव अभियान में राजग की ओर से डबल इंजन सरकार का नारा बुलंद रहा था। प्रधानमंत्री ने भी उसे दोहराते हुए कहा कि बिहार में विकास में कोई कमी न आए, विकास की योजनाएं न अटके इसके लिए बिहार में नीतीश की सरकार की जरूरत है।
गुरुवार को बिहार के आखिरी चरण के लिए चुनावी अभियान खत्म हो गया। उसी दिन चार पेज लंबे पत्र में प्रधानमंत्री ने विकास से जुड़े लगभग सभी कार्यक्रम का जिक्र किया। किसी दूसरे पक्ष पर कोई आरोप लगाने की बजाय पूरी तरह सकारात्मक पत्र में प्रधानमंत्री मोदी ने संतोष जताया कि बिहार चुनाव पूरी तरह विकास पर केंद्रित रहा। वर्ष 2005 के बाद से बिहार में माहौल बदला, नव निर्माण की प्रक्रिया आरंभ हुई, इंफ्रास्ट्रक्चर और कानून का राज स्थापित हुआ और इसके जरिए सामाजिक और आर्थिक संपन्नता आई। बिजली, पानी, सड़क, इलाज, शिक्षा के क्षेत्र में तेजी से काम हुआ और यही कारण है कि बिहार अभाव से आकांक्षा की ओर बढ़ा। प्रधानमंत्री ने केंद्रीय योजनाओं और राज्य के प्रयास का जिक्र करते हुए याद दिलाया कि हर गरीब को पक्का मकान, घर घर शौचालय, नल से जल, गैस कनेक्शन बिना भेदभाव के हर किसी तक पहुंच रहा है। यह इसलिए संभव हुआ क्योंकि बिहारवासियों ने बदलाव के लिए राजग पर भरोसा जताया था। हाल में लांच किए गए स्वामित्व योजना की याद दिलाते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि बिहारवासी उसका भी इंतजार कर रहे हैं। इस योजना के तहत ग्रामीणों को घर जमीन का दस्तावेज दिया जा रहा है ताकि वह लोन ले सके
पत्र में गरीबों से जुड़ी योजनाओं का किया उल्लेख
एक तरफ जहां प्रधानमंत्री से गरीबों से जुड़ी योजनाओं का उल्लेख किया वहीं पढ़े लिखे मध्यम और उच्च वर्गीय समाज को यह भी याद दिलाया कि एअरपोर्ट, वाटरपोर्ट, ईज आफ लिविंग में सुधार के लिए राजग कृतसंकल्प है। बिहार में दुकान या फैक्ट्री चलाने वाले भयमुक्त हैं। भाजपा के घोषणापत्र मे मातृभाषा में तकनीकी शिक्षा की घोषणा की गई थी। प्रधानमंत्री ने उसका भी उल्लेख किया। एक छोटी कविता के माध्यम से उन्होंने यह भी भरोसा जताया कि बिहार में जात पात पर नहीं विकास पर वोट पड़ेगा, कुशासन नहीं सुशासन के लिए वोट पड़ेगा। भ्रष्टाचार नहीं ईमानदारी के लिए वोट पड़ेगा।
पूरे चुनाव अभियान में राजग की ओर से डबल इंजन सरकार का नारा बुलंद रहा था। प्रधानमंत्री ने भी उसे दोहराते हुए कहा कि बिहार में विकास में कोई कमी न आए, विकास की योजनाएं न अटके इसके लिए बिहार में नीतीश की सरकार की जरूरत है।