केन्द्रीय मंत्री मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा कि बिहार के चुनाव में मुद्दे बहुत स्पष्ट है। हमारी सोच विकास पर केन्द्रित है। बिहार में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में जो विकास कार्य हुआ है वह सबके सामने है। हम उस विकास कार्य की चर्चा करते हैं। काम स्पष्ट है। पांच-छह घंटे में बिहार के किसी कोने से पटना पहुंचा जा रहा है। हर घर बिजली, हर घर नल का जल। अब केन्द्र की योजना से 45 हजार गांवों में आप्टीकल फाइवर लगाए जा रहे हैं। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के 15 साल और प्रधानमंत्री के नेतृत्व में छह साल में बिहार में हुए कार्य स्पष्ट हैं। काफी काम किया गया है, हम और तेजी से आगे काम करेंगे।
विपक्ष को निशाने पर लेते हुए उन्होंने कहा कि राजद का जन्म ही नेता को भ्रष्टाचार से बचाने के लिए हुआ था। लोकतंत्र के नाम पर निजी व सार्वजनिक के फर्क को समाप्त किया जा रहा है। एक ओर जनता के विकास के प्रति जिम्मेवारी का भाव है, दूसरी ओर परिवार की जागीर बनाने का अहंकार है। राजद फिसलती हुई जमीन पर खड़ा है, जबकि एनडीए अपनी चट्टानी एकता के साथ मैदान में है।
रविशंकर प्रसाद ने कहा कि नीतीश कुमार ने बिहार की बच्चियों को साइकिल दी तो नरेंद्र मोदी की सरकार देश की बेटियों को एयरफोर्स के फाइटर प्लेन को उड़ाने का मौका देती है, ये है एनडीए के विकास का मतलब। दूसरी ओर आय का जरिया नहीं और हर बार उनकी संपत्ति बदलती है। अपनी विरासत की तस्वीर को लगाने में शर्मा रहे हैं क्योंकि विरासत की याद दिलाएंगे तो खौफ, अपहरण, लूट एवं भ्रष्टाचार की याद आएगी।
जदयू के राष्ट्रीय महासचिव संजय झा ने कहा कि राजद में पीढ़ी बदली है, प्रवृत्ति नहीं। उनके नेता जिस स्तर की भाषा का इस्तेमाल करते हैं, उसपर चर्चा तो होगी ही। कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बिहार के चुनाव का मुद्दा बदल दिया। पहले चुनाव जाति के नाम पर होते थे, लेकिन नीतीश कुमार के नेतृत्व में एनडीए की सरकार आने के बाद अब विकास के नाम पर चुनाव हो रहे हैं। सड़क, बिजली, पानी आदि को लेकर हुए काम की चर्चा होती है। श्री झा ने कहा कि बेरोजगारी की बात करते हैं, 15 साल मौका मिला तो कितने मौके सृजित किये? कितने लोगों का पलायन हुआ। एनडीए के आने के बाद तस्वीर बदली है। नीतीश कुमार ने शून्य के नीचे से काम शुरू किया और लगातार दो अंकों में विकास दर है। नीतीश कुमार ने विकास का जो स्वाद लोगों तक पहुंचा दिया है, बिहार के लोग अब बैक गियर में नहीं आने वाले।