हाथरस केस : मंत्री स्मृति ईरानी के बड़े बोल ,सीएम योगी आदित्यनाथ जरूर करेंगे न्याय

केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने कहा है कि हाथरस घटना में पीड़िता को जरूर न्याय मिलेगा. उन्होंने कहा कि एसआईटी जांच के बाद अधिकारियों पर कार्रवाई होगी. केंद्रीय मंत्री ने कहा कि पुलिस (Police) अधिकारियों पर कार्रवाई की भी गई है. मोदी सरकार (Government) महिला सुरक्षा के लिए काम कर रही है. उन्होंने कहा कि इस मामले में योगी आदित्यनाथ जरूर न्याय करेंगे. बात दें कि हाथरस मामले में स्मृति ईरानी की चुप्पी पर सोशल मीडिया (Media) पर लगातार सवाल उठाया जा रहा था. बता दें कि हाथरस घटना की जांच के लिए स्पेशल इन्वेस्टीगेशन टीम एसआईटी की टीम बनाई गई है.

इस एसआईटी की ही प्राथमिक जांच रिपोर्ट के आधार पर हाथरस के एसपी विक्रांत वीर सिंह, क्षेत्राधिकारी राम शब्द, इंस्पेक्टर दिनेश कुमार वर्मा, सब इंस्पेक्टर जगवीर सिंह और हेड मोहर्रिर महेश पाल को निलंबित कर दिया गया. अब हाथरस के एसपी विनीत जायसवाल होंगे. इसके साथ ही दोनों पक्षों पीड़ित और आरोपी और मौके पर मौजूद पुलिस (Police) अधिकारियों का नार्को टेस्ट करवाए जाने का निर्देश दिया गया है. निर्देश में कहा गया कि एसपी विक्रांत वीर को लापरवाही और शिथिल पर्यवेक्षण के लिए निलंबित किया गया है. इसके अलावा आज उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के डीजीपी हितेश चंद्र अवस्थी पीड़िता के परिजनों से मिलने उनके गांव जा रहे हैं.हाथरस केस में आज 27 घंटे बाद मीडिया (Media) को पीड़िता के गांव जाने की इजाजत दी गई.

पीड़िता की बहन ने एबीपी न्यूज से कहा है कि हाथरस के डीएम प्रवीण कुमार ने परिवार को धमकाया है. उन्होंने कहा कि डीएम का वायरल ऑडियो सही है. डीएम ने कहा था कि कोरोना से मरती तो क्या करती, मुआवजा भी नहीं मिलता. शव को आखिरी बार देखने भी नहीं दिया गया. पीड़िता की मां से अंतिम संस्कार से पहले बेटी के शव को घर लाने की अपील की थी, जिसे प्रशासन ने ठुकरा दिया. पीड़िता की मां अपनी बेटी को आखिरी विदाई देते हुए हल्दी लगाना चाहती थी. पीड़ित के भाई ने कहा कि मेरी बहन के साथ गैंगरेप (Gangrape) हुआ है. पिता के तबीयत अभी भी खराब हैं. प्रशासन वाले किसी से बात नहीं करने दे रहे हैं. पीड़िता के बहन ने कहा, उन्हें नहीं लगता कि इंसाफ मिलेगा. उन्हें यूपी पुलिस (Police) पर कोई भरोसा नहीं है.

पुलिस (Police) ने परिवार वालों के साथ मारपीट भी की थी. पीड़िता की मां ने कहा कि उन्हें सरकार (Government) पर विश्वास नहीं है. डीएम मुआवजे की दुहाई दे रहे थे. हमें यह मुआवजा नहीं चाहिए. मुआवजे से मेरी बेटी वापस नहीं आएगी. उन्होंने बताया कि डीएम से बच्ची का शव दिखाने के लिए जब कहा, तो उन्होंने कहा कि उसका पोस्टमार्टम हुआ है, आप चेहरा नहीं देख पाएंगी. पीड़िता के परिवार ने कहा कि पुलिस (Police) ने किसके कहने पर हमारी बेटी को जलाया है. पीड़िता के परिवार ने कहा कि पुलिस (Police) को ये बताना चाहिए कि उन्होंने किसको जलाया है. उन्होंने ये भी कहा कि मीडिया (Media) को इजाजत देना प्रशासन की एक चाल है. परिवार का कहना है कि हम अस्थियां चुनने इसलिए नहीं जा रहे कि हमें क्या पता कि हमारी बेटी का शव था या किसी और का, हमें चेहरा तो दिखाया नहीं गया.