प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को गांधी जयंती के मौके पर वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए विश्व भारतीय वैज्ञानिक शिखर सम्मेलन का उद्घाटन किया। इस मौके पर प्रधानमंत्री ने विज्ञान को सामाजिक और आर्थिक बदलाव के प्रयासों का महत्वपूर्ण अंग बताया। उन्होंने कहा कि उनकी सरकार किसानों को अच्छे उत्पादन के लिए अव्वल दर्जे का वैज्ञानिक अनुसंधान मुहैया कराना चाहती है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत सरकार ने विज्ञान, अनुसंधान और शोध को बढ़ावा देने के लिए कई अहम कदम उठाए हैं। हम अपने किसानों की मदद के लिए हम अव्वल दर्जे का वैज्ञानिक अनुसंधान चाहते हैं। हमारे कृषि अनुसंधान वैज्ञानिकों ने दाल के उत्पादन को बढ़ाने के लिए बहुत कड़ी मेहनत की है। यही वजह है कि हमारा अन्न उत्पादन रिकॉर्ड उच्च स्तर पर पहुंचा है। हम बहुत कम मात्रा में दाल का निर्यात कर पाते हैं।
प्रधानमंत्री ने कहा कि मौजूदा वक्त में युवाओं में विज्ञान के प्रति रुचि बढ़ाने की जरूरत है। केंद्र सरकार ने भी विज्ञान, अनुसंधान और नवाचार को बढ़ावा देने के लिए कई कदम उठाए हैं। यही नहीं सामाजिक-आर्थिक क्षेत्र में बदलाव की दिशा में हमारे प्रयासों का मूल असल में विज्ञान ही है। प्रधानमंत्री ने महत्वाकांक्षी आत्मनिर्भर भारत अभियान का जिक्र करते हुए सभी का समर्थन मांगा। उन्होंने कहा कि इसमें वैश्विक कल्याण की भावना भी निहित है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि मैं उन वैज्ञानिकों को धन्यवाद देना चाहता हूं जिन्होंने आज अपने सुझाव और विचार साझा किए हैं। प्रधानमंत्री ने कोरोना संकट पर भी अपनी बात रखी। उन्होंने कहा कि साल 2014 में हमारे टीकाकरण कार्यक्रम के तहत चार नए टीके लाए गए थे। इसमें स्वदेशी रूप से विकसित रोटा वायरस वैक्सीन भी शामिल थी। मौजूदा वक्त में भी सरकार स्वदेशी वैक्सीन के उत्पादन को प्रोत्साहित कर रही है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि मौजूदा वक्त में यह सुनिश्चित करने की जरूरत है कि अधिक से अधिक युवा विज्ञान में रुचि लें। इसके लिए हमें विज्ञान के इतिहास और इतिहास के विज्ञान से अच्छी तरह वाकिफ होना चाहिए। बता दें कि यह सम्मेलन वैश्विक और प्रवासी भारतीय शोधकर्ताओं और शिक्षाविदों को एक मंच प्रदान करता है। इसका उद्देश्य भारतीय मूल के वैज्ञानिकों को एक मंच पर लाना है जो दुनिया भर के शोध संस्थाओं से जुड़े हैं।
इस सम्मेलन में 55 देशों के भारतीय मूल के 3000 से अधिक वैज्ञानिक और शिक्षाविद तथा 10 हजार से अधिक प्रवासी वैज्ञानिक और शिक्षाविद शिरकत कर रहे हैं। इससे पहले प्रधानमंत्री मोदी ने राष्ट्रपिता महात्मा गांधी को उनकी 151वीं जयंती पर श्रद्धांजलि दी। उन्होंने कहा कि महात्मा गांधी के जीवन और विचारों से बहुत कुछ सीखने को मिलता है। पीएम मोदी ने कामना की कि समृद्ध और दयालु भारत बनाने में बापू के आदर्श हमारा मार्गदर्शन करते रहें।