हैदराबाद से सांसद और AIMIM पार्टी के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने अयोध्या ढांचा विध्वंस केस में प्रतिक्रिया देते हुए इसे भारतीय न्यायपालिका के इतिहास का सबसे दुखद दिन बताया है। उन्होंने कहा कि अब कोर्ट कह रही है कि वह घटना कोई साजिश नहीं थी। उन्होंने सवाल करते हुए कहा कि क्या जादू से गिर गई थी मस्जिद। बता दें कि 28 साल से चल रहे इस मुकदमे में लखनऊ की एक स्पेशल कोर्ट ने लाल कृष्ण आडवाणी समेत 32 आरोपियों को बरी कर दिया है, जिसे लेकर ओवैसी ने अपनी प्रतिक्रिया दी है।
उन्होंने कहा, ‘यह न्याय का मुद्दा है। यह सुनिश्चित करने का मुद्दा है कि बाबरी मस्जिद विध्वंस के लिए जिम्मेदार लोगों को दोषी ठहराया जाना चाहिए। लेकिन वे एचएम और एचआरडी मंत्री बनकर अतीत में राजनीतिक रूप से पुरस्कृत हुए हैं। भाजपा इस मुद्दे के कारण सत्ता में है।’ उन्होंने आगे कहा कि सीबीआइ कोर्ट का निर्णय भारतीय न्यायपालिका के लिए काला दिन है। इसके अलावा ओवैसी ने एक ट्वीट करते हुए शायराना अंजाद में कहा, ‘वही कातिल वही मुंसिफ अदालत उस की वो शाहिद…. बहुत से फैसलों में अब तरफदारी भी होती है।
बता दें कि इस मुकदमे पर विशेष जज एसके यादव ने अपने कार्यकाल का अंतिम फैसला सुनाया है। उन्होंने कहा कि घटना के प्रबल साक्ष्य नहीं हैं। इसके साथ ही लालकृष्ण आडवाणी, डॉ. मुरली मनोहर जोशी, उमा भारती, महंत नृत्य गोपाल दास, कल्याण सिंह समेत सभी आरोपितों को बरी कर दिया गया है। विशेष जज ने कहा कि तस्वीरों से किसी को आरोपित नहीं ठहराया जा सकता है। अयोध्या विध्वंस पूर्व नियोजित नहीं था। कोर्ट के फैसले पर लाल कृष्ण आडवाणी ने खुशी जाहिर करते हुए कहा कि आज हमारे लिए खुशी का दिन है और मैं पूरे दिल से इसका स्वागत करता हूं। उन्होंने कहा कि यह निर्णय रामजन्मभूमि आंदोलन के प्रति मेरे व्यक्तिगत और भाजपा के विश्वास और प्रतिबद्धता को दर्शाता है।