मधुमक्खी में पाए जाने वाले विष से होगा कैंसर का उपचार

कैंसर के कारण दुनिया में लाखों लोग मृत्यु का शिकार हो जाते हैं. इस रोग को लेकर बहुत ज्यादा समय से अध्ययन चल रहा है, लेकिन आजतक इसकी कोई अच्छा दवा नहीं बनी.

हाल में एक अध्ययन में पता चला है कि मधुमक्खी में पाए जाने वाले विष से स्तन कैंसर का उपचार होने कि सम्भावना है. इस शोध के मुताबिक मधुमक्खी का विष स्तन कैंसर की कोशिकाओं को कम समय में समाप्त कर देता है व शरीर के अन्य स्वस्थ कोशिकाओं को बहुत कम नुकसान पहुंचाता है. इस शोध को स्तन कैंसर के उपचार में बहुत ज्यादा अहम माना जा रहा है.

आस्ट्रेलिया के हैरी परकिंस इंस्टीट्यूट आफ मेडिकल शोध ने 312 मधुमक्खियों व भौरों के जहर में कैंसररोधी गुणों की खोज की है. शोध टीम ने पता लगाया है कि जहर व इसमें सबसे ज्यादा उपस्थित मेलिटिन ट्रिपल निगेटिव स्तन कैंसर व एचइआर 2 संवर्धित स्तन कैंसर कोशिकाओं को मार देता है. सिर्फ इतना ही नहीं इस कार्य के लिए इसके बहुत गाढ़े तरल की आवश्यकता नहीं होती तो ऐसे में यह दूसरी कोशिकाओं को कोई नुकसान भी नहीं पहुंचाता.

इंस्टीट्यूट का बोलना है कि ट्रिपल निगेटिव स्तन कैंसर यानी टीएनबीसी की तादाद स्तन कैंसर के सभी मामलों में करीब 10 से 15 फीसद होती है. वैसे टीएनबीसी का कोई अच्छा उपचार नहीं है. खोज करने वाली टीम की प्रमुख शोधर कियारा डफी ने बताया, जहर अत्यधिक शक्तिशाली था. हमने देखा कि मेलिटिन 60 मिनट के भीतर कैंसर कोशिकाओं के मेम्ब्रेन को पूरी तरह समाप्त कर सकता है.

पश्चिमी आस्ट्रेलिया के प्रमुख वैज्ञानिक प्रोफेसर पीटर क्लिंकेन के मुताबिक मेलिटिन का इन कोशिकाओं के विकास को रोकने का पता चलना बेहद रोमांचकारी है. नेचर प्रिसीजन आन्कोलॉजी जर्नलह में छपी शोध रिपोर्ट के मुताबिक, इस बात का भी परीक्षण किया गया कि क्या मेलिटिन को पहले से केमोथेरेपी में प्रयोग होने वाली दवाओं के साथ मिलाकर ज्यादा आक्रामक स्तन कैंसर के उपचार में प्रयोग किया जा सकता है. डफी के मुताबिक, मेलिटिन स्तन कैंसर की कोशिकाओं के मेम्ब्रेन में छेद कर देता है. इसके बाद उपचार का इन कोशिकाओं के भीतर प्रवेश करने का रास्ता बन जाता है व इन कोशिकाओं की मृत्यु सरल हो जाती है.

मेलेटिन को डोसिटेक्सेल (केमोथेरेपी की एक दवा) के साथ मिलाकर प्रयोग करने पर यह चूहों में ट्यूमर के विकास को रोकने में बहुत ज्यादा पास रही है. दुनिया भर की महिलाएं सबसे ज्यादा स्तन कैंसर की शिकार बनती हैं. फेफड़ों के कैंसर के बाद दुनिया भर में सबसे ज्यादा मुद्दे स्तन कैंसर के ही सामने आते हैं. साल 2018 में इसके 20 लाख से ज्यादा मुद्दे सामने आए. लगभग इतनी संख्या फेफड़े के कैंसर पीड़ितों की भी थी. अमूमन दुनिया की हर सात में से एक महिला स्तन कैंसर का शिकार बनती है. स्तन कैंसर के कारण मरने वालों की तादाद स्त्रियों में 13.7 फीसद है.

महिलाएं नियंत्रित वजन, अल्कोहल का कम इस्तेमाल, ज्यादा शारीरिक गतिविधियां व स्तन पान कराकर कैंसर का शिकार बनने के जोखिम को कम कर सकती हैं. मधुमक्खियों में सूंघने की ताकत बेहद होती है. वह कई खुशबुओं को एक साथ सूंघने की क्षमता रखती है. इसी संवेदनशीलता का इस्तेमाल करते हुए डिजाइनर सुसेन सोर्स ने डच डिजाइन वीक में मधुमक्खियों की सहायता से बनाए एक उपकरण से हलचल पैदा कर दी. उनका दावा है कि मधुमक्खियां कई बड़ी रोंगों के उपचार में सहायता गार साबित हो सकती हैं. इसके अतिरिक्त इलिनोइस विश्वविद्यालय ने भी एक शोध किया है.

वहां के शोधकर्ताओं की एक टीम ने संस्कृति में मधुमक्खी के जहर का इंजेक्शन लगाकर कैंसर कोशिकाओं के गुणन को रोकने में सफलता हासिल की है. विशेष रूप से वे विष- विषाक्त पदार्थों का उपयोग करते हैं, जिनमें प्रोटीन- मेलेटिन होता है, जो कैंसर कोशिकाओं की झिल्लियों से जुड़ सकता है व इस तरह ट्यूमर एजंट के रूप में काम करता है.