शहर में कोरोना के औसतन एक सैकड़ा से अधिक नए मरीज प्रतिदिन मिल रहे हैं लेकिन राजनीतिक पार्टियों को अपने वोट की फ्रिक ज्यादा है। उपचुनाव से पहले भाजपा और कांग्रेस सभाओं का आयोजन कर रही हैं, इनमें भारी भीड़ उमड़ रही है। उधर, जिला प्रशासन दोनों पार्टियों पर हाई कोर्ट के आदेश का पालन नहीं करवा पा रहा है।
भाजपा के तीन दिवसीय सदस्यता अभियान के बाद बुधवार को कांग्रेस ने सदस्यता अभियान व कार्यकर्ता सम्मेलन का आयोजन किया। मेला ग्राउंड स्थित फैसिलिटेशन सेंटर और उसके बाहर तीन हजार से अधिक लोगों की भीड़ जुटी। भीड़ में कोरोना गाइडलाइन की जमकर धज्जियां उड़ीं। सेंटर में की गई बैठक व्यवस्था में शारीरिक दूरी का पालन नहीं किया गया। कई लोग बगैर मास्क के नजर आए। आयोजकों ने केवल गेट पर सैनिटाइजर की बोतल रखवा दी थी।
इन राजनीतिक कार्यक्रमों से शहर में कोरोना के विस्फोट की आशंका से शहरवासी चिंतित हैं। जिला प्रशासन भी इन सियासी रसूखदारों के हाथों की कठपुतली बन गया है। भाजपा सत्ता का चाबुक दिखाकर कार्यक्रम की अनुमति ले रही है तो कांग्रेस धरना-आंदोलन व शिकायत करने की धमकी देकर अधिकारियों को कार्यक्रम करने की इजाजत देने के लिए मजबूर कर रही है।
कांग्रेस के ग्वालियर-चंबल अंचल के मीडिया प्रभारी केके मिश्रा ने मंगलवार को दावा किया था कि कांग्रेस के कार्यकर्ता सम्मेलन में कोरोना गाइडलाइन का पालन करवाया जाएगा। कार्यकर्ता मास्क लगाकर कार्यक्रम में प्रवेश करेंगे। इसके अलावा सैनिटाइजर की व्यवस्था व थर्मल स्क्रीनिंग भी कराई जाएगी, लेकिन बुधवार को स्थिति उलट नजर आई। हॉल में बैठक व्यवस्था में शारीरिक दूरी का पालन नहीं हुआ। केवल गेट पर सैनिटाइजर की बोतल रखी नजर आई। भाजपा की तरह कांग्रेस ने भी पूरी तरह से गाइडलाइन को दरकिनार कर दिया।
भाजपा के सदस्यता अभियान के दौरान कोरोना गाइडलाइन के उल्लंघन को लेकर दर्ज हुई जनहित याचिका पर कोर्ट ने स्पष्ट आदेश दिया था कि जो भी नियमों का उल्लंघन करे उस पर कार्रवाई की जाए। इसके बावजूद कांग्रेस के सदस्यता अभियान में कोर्ट के आदेश की अनदेखी की गई।
केके मिश्रा ने कहा कि कोरोना गाइडलाइन का पालन कराने का पूरा प्रयास किया गया। 95 प्रतिशत कार्यकर्ता मास्क लगाए हुए थे। चूंकि प्रशासन ने कार्यक्रम की मंजूरी देने में गफलत की और देर रात को अनुमति दी इसलिए कार्यक्रम स्थल पर समुचित इंतजाम नहीं हो सके।
ग्वालियर भाजपा के जिलाध्यक्ष कमल माखीजानी ने कहा कि कोरोना संक्रमण को लेकर जो हमारी आलोचना कर रहे थे, उन्हें पहले तो कार्यक्रम आयोजित नहीं करना चाहिए था। अगर किया भी था तो जो सीख वो हमें दे रहे थे, उसका खुद भी पालन करना था। हालांकि इस संबंध में शिकायत करने का कोई इरादा नहीं है क्योंकि भाजपा के लिए जनता ही सबसे बड़ी अदालत है।