ग्वालियर-चंबल संभाग के सिंधिया समर्थकों को भाजपा में शामिल करने के लिए आयोजित तीन दिवसीय सदस्यता अभियान की शुरआत शनिवार से हुई। सदस्यता अभियान कार्यक्रम में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने राज्यसभा सदस्य ज्योतिरादित्य सिंधिया पर कांग्रेस के गद्दारी और खरीद-फरोख्त के आरोपों पर पलटवार किया। कांग्रेस पर कड़ा प्रहार करते हुए उन्होंने कहा कि क्या मोतीलाल नेहरू, सुभाष चंद्र बोस के साथ कई लोगों ने सिद्धांतों के आधार पर कांग्रेस छोड़ी तो क्या सबने विश्वासघात किया था? इसका जवाब कांग्रेस को देना चाहिए। शिवराज ने कहा कि गद्दारी तो राहुल बाबा और सोनिया गांधी ने की है। ग्वालियर-चंबल के चेहरे सिंधिया के बल पर प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनी, लेकिन उद्योगपति कमल नाथ सोनिया दरबार से सीएम का पद ले आए। सिंधिया ने कांग्रेस इसलिए छोड़ी क्योंकि कांग्रेस ने वचनों को पूरा नहीं किया।
ज्योतिरादित्य सिंधिया ने भी कांग्रेस पर जमकर हमला बोलते हुए कहा कि कांग्रेस के 15 महीने के शासन में भ्रष्टाचार वल्लभ भवन से शुरू होकर प्रदेश की गलियों तक पहुंच गया था। कार्यकर्ताओं की कोई पूछपरख नहीं थी, केवल दलालों और उद्योगपतियों का बोलबाला था। प्रदेश में दो मुख्यमंत्री थे। कमल नाथ चेहरे से सीएम थे। दिग्विजय सिंह सरकार चला रहे थे।
कार्यक्रम को केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर, भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष वीडी शर्मा ने भी संबोधित किया। उपचुनाव से पहले ग्वालियर शनिवार को सत्ता और विपक्ष की जोर अजमाइश का केंद्र नजर आया। भाजपा ने ग्वालियर जिले से सदस्यता महा अभियान शुरू किया तो कांग्रेस ने सड़कों पर सिंधिया और कोरोना काल में हो रहे आयोजन का विरोध किया।
कांग्रेस कार्यकर्ता हाथों में गद्दार लिखीं तख्तियां लेकर सड़कों पर निकले। पुलिस ने बैरिकेड्स लगाकर कांग्रेसियों को रोका और गिरफ्तार कर जेल भेजा। प्रशासन के अनुसार 594 प्रदर्शनकारियों को गिरफ्तार किया गया है। जबकि कांग्रेस ने दावा किया कि तीन हजार कार्यकर्ताओं ने गिरफ्तारियां दी हैं।
भाजपा नेताओं ने दावा किया है कि सदस्यता अभियान के पहले दिन ग्वालियर और शिवपुरी जिले की आठ विधानसभा क्षेत्रों के करीब 20 हजार सिंधिया समर्थकों ने भाजपा की सदस्यता ली। सर्वाधिक संख्या ग्वालियर विधानसभा क्षेत्र के कार्यकर्ताओं की रही।
कार्यक्रम में सिंधिया का कांग्रेस के झंडे वाले रंगों का गमछा चर्चा का केंद्र बना रहा। तीन रंग के गमछे पर पूर्व मंत्री व कांग्रेस नेता पीसी शर्मा ने ट्वीट किया कि महाराज ने पार्टी भले ही बदल ली है, लेकिन गमछा नहीं बदला है। कुछ कसक अभी बाकी है शायद। अगले कार्यक्रम में सिंधिया कमल निशान वाले गमछे में दिखाई दिए।
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि पहले कांग्रेस कहती थी कि राम तो काल्पनिक हैं। राम मंदिर निर्माण के भूमिपूजन के दिन कमल नाथ हनुमान चालीसा पढ़ रहे थे पर हनुमानजी कभी दुष्टों का साथ नहीं देते हैं।