कांग्रेस ने फेसबुक से जुड़े विवाद की पृष्ठभूमि में मंगलवार को कंपनी के प्रमुख मार्क जुकरबर्ग को ईमेल के माध्यम से पत्र भेजकर आग्रह किया कि इस पूरे मामले की उच्च स्तरीय जांच कराई जाए। उधर भारतीय जनता पार्टी ने इस मामले में कांग्रेस नेता राहुल गांधी को निशाने पर लेते हुए कहा कि जो संगठन उनकी मर्जी के अनुसार काम नहीं करते उन्हें भाजपा-संघ के दबाव बताया जा रहा है।
कांग्रेस के संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल की ओर से जुकरबर्ग को भेजे गए ईमेल में जांच पूरी होने तक भारतीय शाखा के संचालन की जिम्मेदारी नई टीम को सौंपने की भी मांग की गई है ताकि जांच प्रक्रिया प्रभावित न हो। पत्र में एक दो माह में जांच पूरी कर इसकी रिपोर्ट सार्वजनिक करने की भी मांग की गई।
दरअसल यह पूरा विवाद अमेरिकी अखबार वाल स्ट्रीट जर्नल में शुक्रवार को प्रकाशित एक रिपोर्ट के बाद शुरू हुआ। फेसबुक ने सोमवार को कहा कि वह नफरत फैलाने वाली सामग्रियों पर अंकुश लगाती है, लेकिन इस दिशा में और बहुत कुछ करने की जरूरत है।
भाजपा ने राहुल पर फिर किया तीखा पलटवार
उधर इस विवाद में भाजपा ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी पर फिर तीखा पलटवार किया है। पार्टी के वरिष्ठ नेता रविशंकर प्रसाद ने कहा कि फेसबुक यदि सार्वजनिक मंच है तो कोई भी अपनी विचारधारा के समर्थन में बात रख सकता है। वैसे फेसबुक ने भाजपा के समर्थकों के भी सैकड़ों पेज हटाए हैं। लेकिन हमें अफसोस इस बात का है कि जिन लोगों का राजनीतिक वजूद सिमट गया है वे अभिव्यक्ति के मंच पर अपनी मनमानी चलाना चाहते हैं।
प्रसाद ने कहा कि दिल्ली विधान सभा चुनाव के दौरान राहुल ने पीएम नरेंद्र मोदी के लिए कहा था कि अगर उन्होंने बेरोजगारी के मुद्दे को ठीक से नहीं संभाला तो देश के नौजवान उन्हें डंडों से पीटेंगे। उनका यह बयान ¨हसा फैलाने का एक नायाब उदाहरण है।
इसके साथ ही उन्होंने एक रैली में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी द्वारा आर-पार की लड़ाई वाली टिप्पणी का जिक्र करते हुए सवाल किया कि यह नफरत फैलाने वाली टिप्पणी नहीं थी क्या। वाल स्ट्रीट जर्नल में छपी रिपोर्ट के बाबत प्रसाद ने कहा कि इस बारे में फेसबुक को निर्णय लेना है कि उसे क्या करना है।