अयोध्या में सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड को मिला मस्जिद की भूमि का कब्जा

रामनगरी अयोध्या में राम मंदिर तथा मस्जिद का लम्बे समय तक चला विवाद सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद समाप्त हो गया है। श्रीराम मंदिर के पांच अगस्त को भूमि पूजन के बाद अब यहां पर पांच एकड़ क्षेत्र में मस्जिद भी बनेगी। अयोध्या जिला प्रशासन ने सोमवार को सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड को मस्जिद के लिए जमीन का कब्जा दे दिया है।

अयोध्या के सोहावल के धन्नीपुर में कृषि फार्म की पांच एकड़ भूमि का मस्जिद निर्माण के लिए सीमांकन कराने के बाद प्रशासन ने उप्र.सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड को कब्जा सौंप दिया। यहां नायब तहसीलदार सोहावल विनय कुमार बर्नवाल की अगुवाई में करीब चार घंटे पैमाइश में लगे। सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद जिला प्रशासन ने सुन्नी वक्फ बोर्ड को सोहावल ब्लॉक की ग्राम पंचायत धन्नीपुर में कृषि विभाग के फार्म की भूमि उपलब्ध कराई है। यहां पर वक्फ बोर्ड के प्रतिनिधि फरहान हबीब की मौजूदगी में पैमाइश कराई गई।

नायब तहसीलदार के अनुसार मस्जिद के लिए जमीन की पैमाइश करा कब्जा दे दिया गया। भूमि की मेड़बंदी सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड कराएगा। मस्जिद के लिए प्रस्तावित भूमि की सहमति के बाद बोर्ड को अधिकार पत्र सौंपा गया। सोहावल तहसील केअभिलेखों में उसी के बाद राजस्व अभिलेखों में वह भूमि सुन्नी सेंट्रलवक्फ बोर्ड की मस्जिद के नाम दर्ज कर दी गई। अब यहां राजस्व अभिलेखों में वक्फ बोर्ड के नाम भूमि दर्ज होने के बाद तहसीलदार ने नायब तहसीलदार की अध्यक्षता में पैमाइश के लिए कमेटी गठित की थी। पैमाइश के लिए सात लेखपाल कमेटी में शामिल किए गए थे। पांच एकड़ यह भूमि लखनऊ-अयोध्या हाईवे व रौनाही थाना की बाउंड्री से लगी है। मस्जिद के लिए पैमाइश की गई भूमि पर मौजूदा समय में कृषि विभाग की धान की फसल लहलहा रही है।

अयोध्या में सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड ने धन्नीपुर गांव में मस्जिद के लिए मिली जमीन पर मस्जिद, अस्पताल और इंडो इस्लामिक कल्चरल सेंटर के लिए ट्रस्ट बनाया है। यह ट्रस्ट यहां पर मस्जिद, अस्पताल तथा इस्लामिक कल्चरल सेंटर के निर्माण के लिए चंदा इकट्ठा करेगा। इसके लिए ट्रस्ट दो बैंक खाते भी खोलने जा रहा है। जिसमें चंदे की रकम दान की जा सकेगी। इनमें से एक बैंक खाता सिर्फ मस्जिद की तामीर के लिए रकम जुटाने के लिए होगा। दूसरे बैंक खाते में मस्जिद अहाते में बनने वाले अस्पताल और रिसर्च सेंटर के लिए रकम जमा की जाएगी। रकम का सारा ब्यौरा ऑनलाइन रखने के लिए एक पोर्टल भी बनवाया जाएगा। इस काम के लिए कंपनी भी तय की जा चुकी है। इस पोर्टल के लिए के iicf.com नाम से डोमेन भी रजिस्टर्ड करवा लिया गया है।