संदेह में रूस की कोविड-19 वैक्सीन, जानिये WHO ने क्या कहा

रूस ने कोरोना वायरस की वैक्सीन लॉन्च तो कर दी है लेकिन यह वैक्सीन संदेह में है। दुनिया के अलग-अलग वैज्ञानिकों ने रूस की कोविड-19 वैक्सीन पर संदेह जताया है। बताया जा रहा है कि वैक्सीन को ह्यूमन ट्रायल पूरा होने से पहले ही लॉन्च कर दिया गया है।

इस बीच विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने कहा है कि इस सप्ताह रूस ने जिस टीके को मंजूरी दी है, वह उन नौ में शामिल नहीं है जिन्हें वह परीक्षण के उन्नत चरणों में मानता है। विश्व स्वास्थ्य संगठन और साझेदारों ने एक निवेश तंत्र के अंतर्गत नौ प्रयोगात्मक कोविड-19 टीकों को शामिल किया है।

विश्व स्वास्थ्य संगठन के 9 टीकों में नहीं रूसी टीका

डब्ल्यूएचओ विभिन्न देशों को ”कोवेक्स सुविधा” के नाम इस निवेश तंत्र से जुड़ने के लिए प्रोत्साहित कर रहा है। यह पहल विभिन्न देशों को टीकों तक शुरुआती पहुंच कायम के लिए उन्हें विकसित करने में निवेश करने तथा विकासशील देशों को वित्तीय मदद पहुंचाने की व्यवस्था प्रदान करती है।

टीके को लेकर रूस से बात करेगा डब्ल्यूएचओ

संगठन के महानिदेशक के वरिष्ठ सलाहकार डॉ ब्रूस एल्वार्ड ने कहा, ” इस समय रूस के टीके को लेकर फैसला करने के लिए हमारे पास पर्याप्त सूचना उपलब्ध नहीं है। हम उस उत्पाद की स्थिति, परीक्षण के चरणों और अगला क्या हो सकता है, उस पर अतिरिक्त सूचना के लिए रूस से बातचीत कर रहे हैं। ”

पूरा नहीं हुआ रूस की वैक्सीन का ट्रायल

इस सप्ताह रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने कोरोना वायरस के लिए विकसित किए गए टीके को मंजूरी देने की घोषणा की थी। हालांकि, इस टीके का अभी लोगों में उन्नत परीक्षण पूरा नहीं किया गया है। रूस की ओर से बिना साक्ष्य के दावा किया गया कि यह टीका दो साल तक सुरक्षा प्रदान करेगा।

इस हफ्ते रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने कहा कि देश में विकसित कोविड-19 टीके का पंजीकरण कर लिया गया है और एक टीका उनकी बेटी को पहले ही लगाया जा चुका है। पुतिन ने मंगलवार को एक सरकारी बैठक में कहा कि टीका परीक्षण में खरा उतरा है और कोरोना वायरस के खिलाफ मानव की रोग प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत करने में सफल रहा है।

पुतिन की बेटी को दिया गया टीका
उन्होंने रेखांकित किया कि टीका परीक्षण के आवश्यक चरणों से गुजरा है। उनकी दो बेटियों में से एक को यह टीका दिया गया है और वह अच्छा महसूस कर रही है।

पहले चिकित्साकर्मियों को लगेगा टीका
रूस के अधिकारियों ने कहा है कि टीका सबसे पहले चिकित्साकर्मियों, शिक्षकों और जोखिम की जद वाले समूहों से जुड़े लोगों को लगाया जाएगा। रूस कोविड-19 टीके का पंजीकरण करने वाला पहला देश है।

संदेह में है टीका
दुनियाभर में अनेक वैज्ञानिक इस कदम को संदेह की दृष्टि से देख रहे हैं और तीसरे चरण के परीक्षण से पहले टीके का पंजीकरण करने के निर्णय पर सवाल उठा रहे हैं। किसी भी टीके का तीसरे चरण का परीक्षण आम तौर पर हजारों लोगों पर महीनों तक चलता है।

गैमलेया रिसर्च इंस्टीट्यूट ने बनाया टीका
बताया जा रहा है कि इस वैक्सीन को मॉस्को के गैमलेया रिसर्च इंस्टीट्यूट ऑफ एपिडेमियोलॉजी एंड माइक्रोबायोलॉजी द्वारा बनाया गया है और इसे पंजीकरण के बाद जल्द ही सार्वजनिक उपयोग के लिए अनुमति मिल सकती है।

तीसरे चरण का ट्रायल अभी बाकी
इस वैक्सीन ने जुलाई के दूसरे सप्ताह में ह्यूमन ट्रायल का पहला चरण पूरा किया था और इसका दूसरा चरण 13 जुलाई को शुरू हुआ था। आमतौर पर किसी वैक्सीन को सार्वजनिक उपयोग के लिए तब तक अनुमति नहीं मिलती है, जब तक वो मानव परीक्षणों के तीन चरणों को पूरा नहीं करती है। रूस के इस टीके का तीसरा चरण अभी बाकी है।

सितंबर में शुरू हो सकता है 

 उत्पादन
रिपोर्ट में कहा गया है कि वैक्सीन का उत्पादन सितंबर में शुरू होने की उम्मीद है। जब तक परीक्षण पूरा नहीं हो जाता, तब तक यह टीका केवल स्वास्थ्य पेशेवरों को ही दिया जाएगा।