राहुल गांधी सरकार पर हमला बोलने का कोई मौका नहीं चूकते हैं। ऐसे में जब आज देश ‘अंग्रेजों भारत छोड़ो आंदोलन’ की 78वीं वर्षगांठ मना रहा है, राहुल ने केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार का बिना नाम लिए ही परोक्ष रूप से निशाना साधा। राहुल ने कहा कि भारत छोड़ो आंदोलन की 78वीं वर्षगांठ पर गांधीजी के ‘करो या मरो’ के नारे को नए मायने देने होंगे। राहुल ने कहा कि अन्याय के खिलाफ लड़ो, डरो मत..!
राहुल ने इस आह्वान के साथ वह ऐतिहासिक तस्वीर भी ट्वीट की जब विशाल जनसभा के सामने बापू ने ‘करो या मरो’ का नारा दिया था। इससे कुछ ही घंटों पहले ही कांग्रेस नेता ने केंद्र सरकार को ‘गूंगी और अंधी-बहरी’ तक करार दिया था। राहुल ने ट्वीट कर कहा कि आशा कार्यकर्ता देशभर में घर-घर तक स्वास्थ्य सुरक्षा पहुंचती हैं। वो सच मायने में स्वास्थ्य वॉरीयर्स हैं लेकिन आज खुद अपने हक के लिए हड़ताल करने पर मजबूर हैं। सरकार गूंगी तो थी ही, अब शायद अंधी-बहरी भी है।
राहुल गांधी ने कल कोरोना महामारी की लगातार गंभीर होती स्थिति और लुढ़कती अर्थव्यवस्था को लेकर सरकार को कठघरे में खड़ा किया था। राहुल गांधी ने 21 दिन पहले मरीजों का आंकड़ा बढ़ने की दी गई अपनी चेतावनी के सही साबित होने की बात कहते हुए सरकार पर तंज कसा। राहुल ने अपने ट्वीट में कहा ’20 लाख का आंकड़ा पार, गायब है मोदी सरकार।’ राहुल ने 17 जुलाई के अपने ट्वीट को भी टैग किया जिस दिन मरीजों की संख्या 10 लाख पहुंच गई थी।
अर्थव्यवस्था की मौजूदा स्थिति में लोगों का भरोसा कमजोर होने के रिजर्व बैंक के ताजा विश्लेषण का हवाला देते हुए राहुल ने कहा कल कहा था कि आरबीआइ देश के मूड को उजागर कर रहा है। जनता का विश्वास इस समय सबसे निचले स्तर पर है। राहुल ने कहा कि आने वाले दिनों में अर्थव्यवस्था और रोजगार के मोर्चे पर और भी बुरी खबरों के लिए तैयार रहना होगा। राहुल ने कहा था कि लोगों में असुरक्षा और भय है।