बॉलीवुड में जुबली कुमार के नाम से मशहूर राजेंद्र कुमार ने हिंदी सिनेमा में जो मुकाम हासिल किया वो शायद ही किसी ने किया हो। राजेंद्र कुमार की पुण्यतिथि पर उनसे जुड़े कुछ अनसुने किस्से आपको बताते है। राजेन्द्र कुमार का साल 1999 में 69 वर्ष की उम्र में निधन हो गया था। जुबली कुमार ने अपना फिल्मी करियर 1950 से शुरु किया और लगभग 80 फिल्मों में अपने अभिनय की छाप छोड़ी। 60 के दशक में उन्होंने कई सुपर हिट फिल्में दीं।
देशभर में उनके स्टारडम का ऐसा माहौल था कि उनकी फिल्में सिनेमाघरों में 25 हफ्तों तक लगातार चलती रहतीं और रिकॉर्ड बनातीं। इसी की वजह से राजेंद्र कुमार का नाम जुबली कुमार पड़ गया। राजेंद्र कुमार से जुड़ा एक किस्सा बताया जाता है। ये बात उन दिनों की है जब राजेंद्र कुमार एक्टर बनने का सपना लिए मुंबई के बांद्रा स्टेशन पर पहुंचे। वहां पुरानी बिल्डिंग में एक गेस्ट हाउस था। इस गेस्ट हाउस का नाम था बॉम्बे गेस्ट हाउस। जिसपर लिखा था- ये गेस्ट हाउस सिर्फ एक्टर बनने आए लोगों के लिए ही है।बताया जाता है इस होटल में धर्मेंद्र से लेकर राज कुमार जैसे लोग आकर ठहरे थे। तमाम बड़े सितारे इस गेस्ट हाउस में रुके। राजेंद्र कुमार भी मुंबई में इसी गेस्ट हाउस में रुके। यहीं से वो रोजाना ऑडिशन देने जाते थे। इसी गेस्ट हाउस में राजेंद्र कुमार एक खाट पर सोते थे। जब राजेंद्र कुमार स्टार बन गए तो गेस्ट हाउस के एजेंट ने उसकी मार्केटिंग करना शुरू कर दिया। वो लोगों से कहते कि इस खाट पर सोने से ही राजेंद्र कुमार जुबली कुमार बने।
बाद में उनके गेस्ट हाउस में जो भी स्ट्रगलिंग एक्टर आए वो इस खाट को किराए पर लेने के लिए कहते थे। और इस तरह ये खाट भी फेमस हो गई। राजेंद्र कुमार ने अपने करियर की शुरुआत साल 1950 में ‘वचन’ से की थी। राजेंद्र कुमार को पहचान नरगिस और सुनील दत्त की फिल्म मदर इंडिया से मिली थी। राजेंद्र कुमार से जुड़ी एक और कहानी बताई जाती है। कहते हैं जब वह बॉलीवुड में कदम जमा रहे थे। तभी उनकी नजर एक बंगले पर पड़ी। राजेंद्र कुमार ने वह बंगला खरीद लिया। हालांकि, लोगों का मानना था कि वह एक भूत बंगला है। लेकिन इस बंगले को खरीदने के बाद राजेंद्र कुमार ने एक के बाद एक हिट फिल्में दीं।