कहीं आपको भी तो नहीं है थायराइड की समस्या? जानें इसके लक्षण और घरेलू उपचार

आजकल बहुत सारे लोग थायराइड की समस्या से पीड़ित हैं। इस बीमारी में वजन बढ़ने या घटने के साथ हार्मोन असंतुलन भी हो जाता है। इस संबंध में हुए एक अध्ययन के मुताबिक, पुरुषों की तुलना में महिलाओं में थायराइड की समस्या 10 गुना ज्यादा होती है। स्वास्थ्य विशेषज्ञों के मुताबिक, शरीर के अंगों के सामान्य कामकाज के लिए थायराइड हार्मोन जरूरी होता है, लेकिन इसमें असंतुलन हो तो यह समस्या बन जाती है। थायराइड समस्याओं का सबसे आम कारण ऑटोम्यून्यून थायराइड रोग (AITD) है। यह एक जेनेटिक यानी वंशानुगत स्थिति है, जिसमें प्रतिरक्षा प्रणाली एंटीबॉडी उत्पन्न करती है और थायराइड ग्रंथियों को अधिक हार्मोन बनाने के लिए उत्तेजित करती है। आइए जानते हैं इनके लक्षणों और घरेलू उपचारों के बारे में:

थायराइड दो तरह के होते हैं। पहले जानते हैं हाइपरथायरायडिज्म के लक्षणों के बारे में:

  • वजन घटना, हाथ कांपना
  • गर्मी न झेल पाना, ठीक से नींद न आना
  • प्यास लगना, अत्यधिक पसीना आना
  • तेजी से दिल धड़कना, कमजोरी, चिंता और अनिद्रा 

थायराइड का दूसरा प्रकार होता है, हाइपोथायरायडिज्म। इसके लक्षण हैं: 

  • काम में सुस्ती, थकान, कब्ज
  • धीमी हृदय गति, ठंड, 
  • सूखी त्वचा, बालों में रूखापन
  • महिलाओं में अनियमित मासिकचक्र
  • इन्फर्टिलिटी के लक्षण आदि

थायराइड के घरेलू उपचारों की बात करें तो आपके घरों में आसानी से उपलब्ध चीजों में इसका उपचार होता है। 
अदरक

  • अदरक में मौजूद पोटेशियम, मैग्नीश्यिम आदि थायराइड की समस्या से निजात दिलाते हैं। अदरक में एंटी-इंफलेमेटरी गुण थायराइड को बढ़ने से रोकता है और उसकी कार्यप्रणाली में सुधार लाता है।

दूध और दही का सेवन

  • थायराइड की समस्या से ग्रसित लोगों को दही और दूध का इस्तेमाल अधिक से अधिक करने की सलाह दी जाती है। दूध और दही में मौजूद कैल्शियम, मिनरल्स और विटामिन्स थायराइड से ग्रसित लोगों को स्वस्थ बनाए रखते हैं। 

अलसी का बीज 

  • अलसी का बीज अच्छे फैटी एसिड से भरपूर होते हैं जो कि हमारे दिल के लिए तो सेहतमंद है ही, थायरायड की समस्या के लिए भी बेहतर है। इसमें मौजूद मैग्नीशियम और विटामिन बी 12 हाइपोथायरायडिज्म से लड़ते हैं।

नारियल का तेल

  • नारियल के तेल में फैटी एसिड पाया जाता है, जो थायरायड ग्रंथि के सही कामकाज में मदद करता है। नारियल तेल का संतुलित उपयोग वजन कम करने में भी मदद करता है। यह शरीर में मेटाबॉलिज्म बढ़ाता है और शरीर के तापमान को संतुलित करता है।

मुलेठी का सेवन

  • थायराइड के मरीजों को थकान बड़ी जल्दी लगने लगती है और वे जल्दी ही थक जाते हैं। ऐसे में मुलेठी का सेवन करना उनके लिए बेहद फायदेमंद होता है। मुलेठी में मौजूद तत्व थायराइड ग्रंथी को संतुलित रखते हैं। यह आपकी थकान को उर्जा में बदल देता है। थायराइड की समस्या में मुलेठी कैंसर का जोखिम भी कम करता है। 

साबुत अनाज

  • जौ, गेंहू और साबुत अनाज से बने पदार्थों का सेवन करने से थायराइड की समस्या नहीं होती है। बताया जाता है कि साबुत अनाज में फाइबर, प्रोटीन और विटामिन्स आदि की भरपूर मात्रा होती है जो थायराइड को बढ़ने से रोकता है। गेहूं और ज्वार साइनस, उच्च रक्तचाप और खून की कमी जैसी समस्याओं को रोकने में भी प्रभावी रूप से काम करता है।