कोरबा। ऑन लाइन रिकॉर्ड की सुविधा ने एक तरफ सरकारी कामकाज की प्रणाली को आसान बनाया है तो वही दूसरी तरफ शातिर लोग इसमें तकनीकी रूप से सेंध लगाकर ठगी का कारोबार भी कर रहे हैं। आए दिन बैंक खातों को हैक करने या सोशल मीडिया खातों को हैक कर ठगी की घटनाएं सामने आती रहती हैं, लेकिन इस बार शातिर ठगों ने कुछ ऐसा किया है जिसने प्रशासन को भी चिंता में डालकर रख दिया है। राजस्व अनुभाग कोरबा में एक पटवारी की आईडी हैक कर 29.34 एकड़ सरकारी जमीन बेच दी गई।
मामला उजागर होने पर पुलिस ने अज्ञात आरोपित के खिलाफ अपराध दर्ज कर मामले की जांच शुरू कर दी है।
इसके साथ ही फर्जी तरीके से बेची गई जमीन की रजिस्ट्री शूून्य करने की कार्रवाई की जा रही है।
घटना के संबंध में कोरबा के सीएसपी राहुल देव शर्मा ने बताया कि जिले के ग्राम चिर्रा, समरकना गांव की कुल 29 एकड़ 34 डिसमिल बेची गई है। दो माह पहले इस क्षेत्र के पटवारी की ऑफिसियल आईडी किसी व्यक्ति ने हैक कर ली थी। इसके बाद इसी के जरिए उक्त जमीन की बिक्री मंगल सिंह, जगन्नाथ यादव, रवि कुमार, रामलाल लोधी ने कर दी। जिसे खरसिया निवासी अमन अग्रवाल, कोरबा निवासी रजिया बानो पति हाजी मोहम्मद अमीन और सक्ती निवासी तेजकुंवर पटेल ने खरीदा।
आनन- फानन में इस जमीन की रजिस्ट्री भी संबंधित पक्ष ने करा दी। जांच के बाद इस मामले का खुलासा हुआ। श्यांग थाना पुलिस ने जमीन की बिक्री करने वालों के खिलाफ धारा 420, 467, 468, 34 के अंतर्गत कूटरचित तरीके से धोखाधड़ी करने का मामला कायम किया है। मामले में आगे की जांच की जा रही है तहसीलदार सुरेश साहू ने बताया कि जमीन के पंजीकरण की कार्रवाई शून्य की जाएगी। इसके साथ ही अब यह भी सुनिश्चित किया जा रहा है कि इस तरह से जमीन की फर्जी बिक्री का खेल आगे न हो।
(ज़िला संवाददाता उत्सव यादव कोरबा छत्तीसगढ़)