जौनपर,उत्तर प्रदेश:- आज 6 जुलाई 2020 को छात्रों की समस्याओं को लेकर छात्र संगठन- आल इण्डिया डेमोक्रेटिक स्टूडेंट्स आर्गेनाइजेशन (AIDSO) की उत्तर प्रदेश राज्य कमेटी के द्वारा आयोजित “ज्ञापन भेजो अभियान” कार्यक्रम के तहत प्रदेशभर से मुख्यमंत्री उत्तर प्रदेश को संबोधित आनलाईन ज्ञापन भेजा गया।
इस मौके पर संगठन के प्रदेश अध्यक्ष- हरिशंकर मौर्य व राज्य सचिव- दिलीप कुमार ने संयुक्त रूप से कहा-
यह सर्वविदित है कि पूरे देश के साथ-साथ उत्तर प्रदेश में भी कोरोनावायरस का भयंकर प्रकोप जारी है। लंबे समय से चल रहे लाकडाऊन तथा आर्थिक मंदी से प्रदेशवासियों का जीवन अस्त-व्यस्त हो चुका है। खासकर गरीब व मध्यम तबके के लोगों को हर तरह की कठिनाई का सामना करना पड़ रहा है। लोगों की दिहाड़ी, मजदूरी, रोजगार, नौकरी आदि छूट चुके हैं। साथ ही साथ छात्रों की पढ़ाई लिखाई व परीक्षाएं लंबे समय से बाधित हैं।
सरकार की गलत नीतियों- शिक्षा के निजीकरण – व्यापारीकरण, फीस वृद्धि व महंगे पाठ्य सामग्री होने के कारण शिक्षा बेहद महंगी हो चुकी है, जिसको वहन करना आर्थिक मार झेल रहे आम लोगों के बस के बाहर है। गरीब विद्यार्थियों को उच्च शिक्षा प्राप्त करना सपना जैसा हो गया है। क्योंकि शिक्षा को व्यापार की वस्तु के रूप में तब्दील कर दिया गया है। जबकि नवजागरण काल व आजादी आंदोलन के मनीषियों व क्रांतिकारियों ने आजाद भारत में निःशुल्क, जनवादी, वैज्ञानिक व धर्म निरपेक्ष शिक्षा प्रणाली लागू करने का सपना देखा था। उनका मानना था कि शिक्षा एक सेवा है और सेवा की कोई कीमत नहीं लगनी चाहिए।
दुःख के साथ कहना पड़ रहा है कि देश व प्रदेश के अंदर आजादी के इतने सालों बाद भी उन मनीषियों के सपनों को पूरा करना तो दूर, उल्टे शिक्षा में निजी पूंजी निवेश कर मुनाफा कमाने के लिए औद्योगिक घरानों को सरकार द्वारा पूरी छूट दिया जा रहा है। जब पूरे देश में कोरोना महामारी का भयंकर प्रकोप चल रहा है, ऐसे संकट के समय में भी उत्तर प्रदेश सरकार निजी स्कूल – कॉलेज के मालिकों को फीस वसूली करने की छूट दे रही है। सरकार कह रही है कि फीस नहीं बढ़ाई जाएगी, जबकि पुराने दर पर फीस वसूली की जा सकती है। यह सभी जानते हैं कि निजी शिक्षण संस्थाओं द्वारा अभिभावकों का किस तरह आर्थिक दोहन किया जाता है। महंगी शिक्षण सामग्रियों को खरीद पाना कितना मुश्किल है। छात्रों के लिए नियमित तौर पर उचित छात्रवृत्ति की व्यवस्था का अभाव है। बावजूद इसके, सरकार इस संकट के समय में भी अभिभावकों की आर्थिक मजबूरी को नजरअंदाज कर रही है। जो अनैतिक व जनविरोधी है।
इसलिए आज दिनांक 6 जुलाई 2020 को छात्र संगठन- आल इण्डिया डेमोक्रेटिक स्टूडेंट्स आर्गेनाइजेशन (AIDSO) की उत्तर प्रदेश राज्य कमेटी की ओर से प्रदेश के छात्रों – अभिभावकों व शिक्षाप्रेमी लोगों की भावनाओं से अवगत कराते हुए माननीय मुख्यमंत्री उत्तर प्रदेश को ज्ञापन प्रेषित कर हम जनहित में मांग करते हैं –
1- स्कूल – कालेजों में हर स्तर पर पूरे सत्र की फीस माफ की जाए।
2- सभी छात्रों को नियमित छात्रवृत्ति मुहैया कराई जाए।
3- सभी छात्रों को मुफ्त में पाठ्य सामग्री उपलब्ध कराई जाए।
इस मौके पर यादवेन्द्र (कार्यालय सचिव, ए आई डी एस ओ, उत्तर प्रदेश) के अलावां विकास कुमार मौर्य, प्रवीण कुमार विश्वकर्मा, सन्तोष प्रजापति, वन्दना, अंजली, शिवकुमार, सूर्योदय, अरमान, अनीता सहित अन्य कई छात्र छात्राओं, शिक्षकों व अभिभावकों ने आनलाइन ज्ञापन भेजकर जनहित में उपरोक्त मांग की।