सरकार लाख भ्रष्टाचार घूसखोरी पर अंकुश लगाने का दावा कर रही हो पर वो सरकारी कर्मचारी से लेकर अधिकारी तक सरकार की छवि धूमिल करने से बाज नहीं आ रहे। कहने को एक सरकारी दफ्तर मे तैनात चपरासी की तनख्वाह वर्तमान मे इतनी है कि वह आराम से अपना जीवन यापन परिवार संग कर सकता है, पर बाबजूद इसके समय समय पर इस तरह के घूसखोरी के काण्ड यह बताने के लिये काफी है कि इनकी तनख्वाह इनकी सपच के हिसाब से भी कर दी जाये फिर भी ये धन कमाने का कोई रास्ता छोडने वाले नहीं ।
कानूनगो को रंगो हाथो किया गिरफ्तार
अभी बीते दिन एक ताजा मामला आंवला तहसील से आया जहा पट्टे की जमीन पर कब्जा दिलाने के लिये यहा तैनात कानूगनो इफ्तकार पुत्र मोहम्मद इकबाल ने किसान को पार्टी बनाकर रिश्वत की मांग कर डाली। बार बार घूसखोरी से परेशान किसान ने आखिर कार उक्त कानूगगो महोदय कि शिकायत करना ही बेहतर विकल्प समझा।
एन्टी क्रप्शन विभाग मे की शिकायत
जानकारी के अनुसार आंवला तहसील के ग्राम टिटौना के किसान जगन्नाथ ने बताया कि उन्हे 2002 मे पट्टे की जमीन मिली थी, जिसकी नाप कराने के लिये उन्होने आंवला के उपजिलाधिकारी के यहा प्रार्थना पत्र दिया, जिसके बाद उक्त मामला कानूनगो को सौंपा गया। आरोप है कि उक्त कानूनगो ने इसके लिये उससे दस हजार रुपये की मांग की।
पहले भी कानूनगो को चढा चुका है चढावा
जगन्नाथ ने बताया कि कानूगगो की वह पहले भी कानूनगो को जमीन की नाप हेतु मजबूरन रुपये दे चुके है। लेकिन अब कानूनगो की घूसखोरी से तंग आकर उसने इसकी शिकायत एन्टी क्रप्शन विभाग मे कि जहा विभागीय अधिकारियो ने किसान से पैसे लेकर उक्त कानूनगो के यहा जाने को कहा।
बिछे हुये जाल मे फंस गये साहब
एक सरकारी अधिकारी को एक अन्य विभाग के सरकारी अधिकारियों द्वारा रिश्वत लेते रंगो हाथो पकड लिया गया। कानूनगो महोदय धन की खुशी मे इतना खो गये की खुद के लिये बिछाये हुये जाल को भांप ही नहीं पाये, और फंस गये।
नोटो पर लगे रंग से हुई रिश्वत की पहचान
एन्टी क्रप्शन विभाग के अधिकारियो ने कानूनगो इफ्तकार के हाथो को पानी मे डाल कर पाया कि चिन्हित नोटो को ही महोदय द्वारा लिया गया जिससे इसकी पुष्टि हुई। उक्त महोदय के खिलाफ एनसीआर देकर कार्यवाही की प्रक्रिया शुरु हो गई।