कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एवं पूर्व मानव संसाधन विकास मंत्री कपिल सिब्बल ने रविवार को कहा कि कोरोना वायरस संक्रमण के कारण शिक्षण सत्र 2020-21 पर मंडरा रहे अनिश्चितता के बादल को देखते हुए कक्षा 10 तथा अन्य कक्षाओं के छात्रों को परीक्षाओं के दबाव से बचाने के लिए कक्षा 12 को छोड़कर अन्य सभी छात्रों को या तो प्रोन्नत करना चाहिए अथवा कोई आंतरिक मूल्यांकन तंत्र बनाया जाना चाहिए।
डिजिटल माध्यम से छात्रों को शिक्षा देने के संबंध में पूछे जाने पर सिब्बल ने कहा कि हर जगह डिजिटल माध्यम नहीं है, इसलिए छात्रों को डिजिटल माध्यम से पढ़ाना संभव नहीं है। एक साक्षात्कार में कांग्रेस नेता ने सुझाव दिया कि स्कूल और विश्वविद्यालय स्तर पर पाठ्यक्रम को कम किया जा सकता है और कोरोना वायरस वैश्विक महामारी के कारण शिक्षण सत्र 2020-2021 में जो अध्यापन समय नष्ट हुआ है, उसकी भरपाई शिक्षकों और छात्र समुदाय के विशेष प्रयासों से अगले वर्ष की जा सकती है।
सिब्बल ने कहा कि विभिन्न विश्वविद्यालयों को इस बात का निर्णय लेना होगा कि उन्हें शिक्षण सत्र देर से शुरू करना है अथवा नहीं। जेईई और नीट जैसी प्रतियोगी परीक्षाओं के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि ये परीक्षाएं जुलाई में होनी चाहिए अथवा नहीं, मैं इस पर कुछ नहीं कह सकता।