प्रदेश में होने वाले नगर निकाय चुनाव के पहले चरण में राज्य के नौ मंडलों के 37 जिलों में बुधवार को नामांकन प्रक्रिया पूरी होने के बाद नामांकन पत्रों की जांच भी पूरी होई। राज्य निर्वाचन आयोग ने बुधवार देर रात जांच में विभिन्न कमियों के चलते रद्द हुए नामांकन पत्रों का ब्योरा जारी किया। 37 जिलों में 10 नगर निगमों के महापौर पदों पर 114 कुल उम्मीदवारों में से पांच के पर्चे जांच में सही नहीं पाये गये और इस तरह से अब 109 प्रत्याशी इन 10 पदों पर चुनाव लड़ेंगे। इनमें सबसे अधिक 22 उम्मीदवार प्रयागराज नगर निगम के महापौर पद पर और 15 उम्मीदवार गोरखपुर महापौर के पद पर खड़े हैं।
नगर निगमों के पार्षद के कुल 6199 पदों में से 328 प्रत्याशियों के पर्च खारिज किये गये। अब 5871 प्रत्याशी मैदान में बचे हैं। नगर पालिका परिषद अध्यक्ष के 1403 पदों में से 101 के पर्चे सही नहीं मिले और अब इन पदों पर 1302 उम्मीदवार मैदान में हैं। नगर पालिका परिषद के सदस्य के कुल 16671 पदों में से 332 उम्मीदवारों के पर्चे रद्द हुए और 16339 उम्मीदवार मैदान में हैं। नगर पंचायत अध्यक्ष के 3739 पदों में से 194 के पर्चे रद्द हुए और 3545 उम्मीदवार मैदान में बचे हैं। नगर पंचायतों के सदस्य के 20728 पदो मे से 171 के पर्चे रद्द हुए और अब 20557 उम्मीदवार बचे हैं। नामांकन वापस लेने की आखिरी तारीख गुरुवार 20 अप्रैल है। शुक्रवार 21 अप्रैल को चुनाव चिन्ह आवंटित किये जाएंगे और इसी के साथ प्रचार शुरु हो जाएगा।
लखनऊ में नामांकन पत्रों की जांच में कुल 84 पार्षद पद के प्रत्याशियों के पर्चे खारिज हो गए। अब कुल 899 प्रत्याशी मैदान में बचे हैं।
जोन-1 में 78, जोन-2 में 67, जोन-3 में 161, जोन-4 में 83, जोन-5 में 60, जोन-6 में 210 प्रत्याशी मैदान में बचे हैं। इसी तरह जोन-7 में 122, जोन-8 में 118 प्रत्याशी चुनाव मैदान में अपनी ताकत दिखाएंगे।
वहीं जिले की 10 नगर पंचायतों में अध्यक्ष पद के लिए 75 उम्मीदवार और सदस्य के लिए 734 प्रत्याशी मैदान में हैं।
आज दोपहर तीन बजे तक नाम वापसी
20 अप्रैल गुरुवार को दोपहर तीन बजे तक नाम वापसी का मौका होगा। इसके अलावा 21 अप्रैल को चुनाव चिह्नों का आवंटन किया जाएगा। इसके साथ ही नामांकन प्रक्रिया खत्म हो जाएगी। मतदान चार मई और परिणाम 13 मई को आएगा।