विजयदशमी का पर्व हर साल रावण‚ कुंभकर्ण और मेघनाद के पुतलों के दहन के साथ उल्लास के साथ मनाया जाता है। यही परंपरा बीते कई दशकों से ऐशबाग रामलीला, लखनऊ में भी भव्य आयोजन के साथ देखी जा रही थी। साल 2016 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ऐशबाग रामलीला मैदान दशहरा पर्व भी मनाया था लेकिन इस साल वहां कुंभकर्ण और मेघनाद के पुतला नहीं फूंका जाएगा। यही नहीं रावण के पुतले की ऊंचाई भी 110 से घटा कर 80 फिट कर दी गई है।
श्रीराम लीला समिति ऐशबाग लखनऊ के तत्वावधान में रामलीला मैदान में चल रही रामलीला में दशहरा पर्व पर ‘ सनातन धर्म के विरोध का दमन हो ‘ शीर्षक से रावण दहन का पुतला जलेगा। इस बात की जानकारी समिति के सचिव पं आदित्य द्विवेदी ने दी।
तुलसीदास जी द्वारा शुरू कराई गई ऐशबाग की ऐतिहासिक रामलीला में वर्षों से चली आ रही परंपरा में इस बार बड़ा बदलाव देखने को मिलेगा। दशहरे के दिन यहां लोग मुख्य रूप से शानदार जवाबी आतिशबाजी और रावण‚ मेघनाद और कुंभकर्ण के तीन पुतले का दहन देखने के लिए हजारों लोग आते हैं लेकिन इस बार यहां तीन की जगह पर मात्र एक पुतला रावण का जलेगा। उसकी ऊंचाई भी 110 से घटाकर मात्र 80 फीट कर दिया गया है। दो पुतले कम कर दिए गए हैं।
समिति के सचिव आदित्य द्विवेदी ने बताया कि इसका मुख्य कारण है की मुख्य रूप से दोषी और अहंकारी पापी तो सिर्फ रावण ही है। कुंभकर्ण और मेघनाद बराबर रावण को समझते रहे की माता सीता को आदर सम्मान के साथ वापस कर दें। श्रीराम साक्षात परम ब्रह्म नारायण है। इसके बावजूद रावण नहीं माना और कुंभकर्ण मेघनाद को भी मौत के हवाले कर दिया। इसलिए इसका मुख्य दोषी सिर्फ रावण है। इसलिए इस बार से रावण के पुतले का ही होगा दहन। इसके अलावा व्यवहारिक कारण यह है कि रामलीला स्थल के आसपास घनी कॉलोनी बस गई है। ऐसे में पुतला दहन के चलते आसपास दुर्घटना की संभावनाएं बढ़ गईं है। ऐसे में संभावित अनहोनी को देखते हुए भी यह निर्णय लेना पड़ा।
इस लीला के बाद युद्ध घोषणा, दुरमुख वध, कुम्भकरण रावण संवाद, कुम्भकरण वध लीला हुई, इस प्रसंग में रामदल में हलचल मचती है कि रावण किसी तरह से मान नहीं रहा है।
सचिव आदित्य द्विवेदी ने बताया कि समिति का प्रयास है कि अगले साल से स्थानीय कलाकारों को रामलीला में प्राथमिकता दी जाएगी। कोलकाता के भास्कर ग्रुप के कुछ कलाकार ही आएंगे। बाकी यही के युवाओं को मौका दिया जायेगा। इस बार रामलीला में कुल 700 कलाकार मंच पर हैं जिसमें 300 लखनऊ के हैं बाकी कोलकाता से आए हैं।