खुद को सिक्योर रखने के 6 जुगाड़, FB हो या ट्विटर कोई नहीं चुरा सकेगा आपका डेटा

28 जनवरी का दिन इंटरनेशनल डेटा प्राइवेसी डे (International Data Privacy Day) के रूप में मनाया जाता है. इस मौके पर लोगों को जागरूक रखने के लिए डिजिटल सिक्योरिटी और प्राइवेसी प्रोडक्ट्स डेवलपर और दिग्गज Avast ने लोगों को सेफ्टी टिप्स बताए हैं. डेटा प्राइवेसी डे लोगों को सिक्योरिटी और प्राइवेसी को लेकर जागरूक करने और डेटा प्रोटेक्शन को बढ़ावा देना है.

Avast के चीफ प्राइवेसी ऑफिसर शेन मैकनमे ने कहा, “ये जरूरी है कि जब ऑनलाइन प्राइवेसी (Online Privacy) की बात आती है तो आप उदासीन न हों और नियमित रूप से ये देखें कि आप अपनी प्राइवेसी और ऑनलाइन शेयर किए जाने वाले पर्सनल डेटा पर कैसे कंट्रोल रख सकते हैं, जिसमें सोशल मीडिया वेबसाइट और ऐप शामिल हैं, जो हर दिन कई भारतीय उपयोग करते हैं.”

दरअसल फेसबुक और Google जैसे प्लेटफार्मों ने अपने ऐड नेटवर्क को इस तरह से तैयार किया है कि वो आपके पर्सनल डेटा पर नजर रखते हैं. हालांकि, ऐसे तरीके हैं जो जिससे आप कुछ चीजों का कंट्रोल वापस ले सकते हैं और उन वेबसाइटों की पहुंच को सीमित कर सकते हैं, जो आपका पर्सनल डेटा चुराती हैं. यूजर ये खुद तय कर सकते हैं उनका डेटा कौन देख सकता है आयर कौन नहीं. इसके लिए शेन मैकनमे ने 6 आसान से स्टेप बताएं हैं जिससे आप अपनी कुछ प्राइवेसी सोशल मीडिया और ऐप्स से वापस ले सकते हैं…

आप अलग-अलग सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर टारगेट ऐड दिखाने वाले डेटा ऐडवर्टाइजर पर रोक लगा सकते हैं. अपनी प्राइवेसी और ऐड सेटिंग के जरिए इस पर नजर रखें और सोशल मीडिया पर ट्रैकिंग और ऐड टारगेट को रोक सकते हैं, जैसे कि ट्विटर पर ‘Off-Twitter Activity’ और फेसबुक पर ‘Ads Shown off of Facebook’ का इस्तेमाल किया जा सकता है.

आपकी फोटो में लोकेशन ट्रैकिंग और हिस्ट्री, यहां तक ​​कि मेटाडेटा भी, सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म और ऐप्स को सटीक लोकेशन्स को ट्रैक और कैटलॉग करने की अनुमति देता है. ऐसे में एक अच्छा प्राइवेसी-सुरक्षा कदम सभी सोशल मीडिया ऐप्स और कैमरे के लिए फोन पर अपनी लोकेशन सर्विस को बंद करना है. यदि आपके पास एक आईफोन है, तो आप इसे सेटिंग्स-> प्राइवेसी-> लोकेशन सर्विस में पा सकते हैं. एंड्रॉइड पर, सेटिंग्स-> लोकेशन शेयरिंग-> लोकेशन हिस्ट्री को बंद करें और ऐप्स के लिए लोकेशन एक्सेस को एडजस्ट करें.

यदि आप अधिकांश लोगों को पसंद करते हैं, तो संभवत: आपने अपने फेसबुक या Google लॉग इन डिटेल्स के साथ दूसरे एप्लिकेशन और वेबसाइटों में एंटर किया होगा. जबकि ये उन साइटों को आपके डेटा तक पहुंच प्रदान करता है और फेसबुक को आपके बारे में अधिक जानकारी देता है. अपनी फेसबुक सेटिंग्स के जरिए आप परमिशन्स को रद्द कर सकते हैं या आप चुन सकते हैं कि आपके द्वारा अभी भी उपयोग किए जाने वाले ऐप्स और गेम्स का क्या डेटा लिया जा रहा है.

ऐडों पर क्लिक न करें

कई सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म और ऐप न केवल उन ऐडों पर नजर रखते हैं, जिन पर आप ते हैं, बल्कि ये भी देखा जाता है कि आप उन्हें देखने या उनके माध्यम से स्वाइप करने में कितना समय लगाते हैं. यदि आप चाहते हैं कि सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म या ऐप्स को आपके हितों के बारे में जानकारी न हो, तो वास्तव में सभी को एक साथ अनदेखा करने की आदत डालें. उदाहरण के लिए, आप इंस्टाग्राम और Google पर मिल सकने वाली शॉप सर्विस का उपयोग न करें. यदि आपको कोई ऐसी चीज दिखाई देती है, जिसे आप पसंद करते हैं, तो आप अपने ब्राउजर के माध्यम से VPN का उपयोग करके खोज सकते हैं.

बर्नर ईमेल एड्रेस बनाएं

बर्नर ईमेल यानी एक अलग ईमेल आईडी. आपको एक अपने पर्सनल ईमेल एड्रेस के अलावा एक अलग आईडी भी बनाना चाहिए, जिसका इस्तेमाल कॉमन कामों के लिए करें. ईससे कंपनियां आपको ट्रैक नहीं कर पाएंगी. यहां पर ये जरूरी ध्यान रखें कि इस मेल आईडी को आप कॉमन ईमेल से लिंक न करें.

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आदर्श कुमार

संस्थापक और एडिटर-इन-चीफ

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