केंद्र सरकार ने बृहस्पतिवार को पुराने हो चुके 58 कानूनों को खत्म करने वाला विधेयक लोकसभा में पेश किया। कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने सदन में कहा, यह कानून लोगों के लिए असुविधा और मुश्किलें पैदा करते हैं इसलिए सरकार इन्हें खत्म करना चाहती है। वहीं, विपक्ष ने सरकार पर बिना चर्चा के बिल पास करने में हड़बड़ी दिखाने का आरोप लगाया। विपक्ष के आरोप पर प्रसाद ने कहा, सरकार ने दो दिन पहले नोटिस दिया था। वैसे भी अभी बिल पेश हुआ है, सदस्य इस पर चर्चा कर सकते हैं। प्रसाद ने सदन को बताया कि मोदी सरकार ने पहले ही 1458 पुराने अधिनियमों को खत्म कर दिया है, अब 58 और कानूनों को खत्म करने की योजना है। केंद्रीय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने कहा, कार्य मंत्रणा समिति की बैठक में बिल पर चर्चा हुई थी और उसमें सभी प्रमुख पार्टियों के सदस्य मौजूद थे।
सदस्यों को समय मिले इसका ध्यान रखूंगा : बिड़ला
लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला ने विपक्ष की मांग पर कहा कि वह अगले सत्र में ध्यान रखेंगे कि सदस्यों को बिल पेश होने से पहले अध्ययन के लिए दो दिन मिलें। उन्होंने कहा कि ब्रिटिश काल के कानूनों को खत्म करने की जरूरत है। इस पर कुछ सदस्यों ने कहा, भारतीय न्याय संहिता खुद ब्रिटिश काल की है।