आगरा, कानपुर और गाजियाबाद समेत लखनऊ में डायरिया के 45% मरीज

यूपी में लखनऊ, कानपुर, गाजियाबाद और आगरा में डायरिया मरीजों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। हालात इस कदर बिगड़ते जा रहे है कि गंभीर हालात में अस्पताल पहुंचने वाले मरीजों को डॉक्टर सीधे भर्ती कर इलाज कर रहे है। राजधानी में बड़े चिकित्सा संस्थानों, जिला अस्पतालों सहित निजी अस्पतालों में भी डिहाइड्रेशन के मरीजों की संख्या में 45% तक के मरीज बढ़े है। लोहिया संस्थान के OPD में हर दिन 400 मरीज पहुंच रहे है।
वही एक्सपर्ट्स की माने, आने वाले दिनों में लू और डायरिया के और गंभीर होने की आशंका हैं। बुजुर्गों, बच्चों और गर्भवती महिलाओं को ज्यादा अलर्ट होने की जरूरत है। ऐसे में स्वास्थ्य विभाग के बड़े अफसर प्रदेश में हालात नियंत्रण में होने के साथ पैनिक न होने की बात कह रहे है।
लखनऊ में बलरामपुर, सिविल और लोकबंधु समेत सभी बड़े अस्पतालों में डायरिया और डिहाइड्रेशन के मरीज तेजी से बढ़े हैं। OPD में ऐसे मरीजों की संख्या में 45% तक का इजाफा हुआ हैं। वही आने वाले दिनों में यह इसके और बढ़ने की आशंका हैं।

लखनऊ में लोहिया संस्थान के CMS डॉ. राजा भटनागर ने बताया, “अस्पताल में रोजाना करीब 400 मरीज डायरिया और डिहाइड्रेशन जैसे लक्षण के आ रहे है। आम दिनों में यह संख्या कम थी और तेज धूप के कारण वायु और पेट विकार रोगियों की संख्या में बढ़ोत्तरी हुई हैं। अस्पताल में चिकित्सक रोगियों का इलाज के साथ बचाव के उपचार के बारे में भी बता रहे है। बेहद आसान से बचाव के तरीकों को ध्यान में रखकर हालात से बचा जा सकता है।
सोमवार को बड़ी संख्या में KGMU की OPD में पहुंचे डायरिया जैसे लक्षणों के मरीज।
बच्चों और बुजुर्गों का ज्यादा ध्यान देने की जरूरत

उन्होंने कहा कि डिहाइड्रेशन के लक्षण दिखने पर तत्काल ORS या इलेक्ट्रोल के घोल की शुरुआत होनी चाहिए। बुजुर्गों में यह ध्यान देना चाहिए कि कही ब्लड प्रेशर तेजी से गिर तो नही रहा। शरीर में पानी और नमक की कमी के कारण ब्लड प्रेशर में तेजी से गिरावट दर्ज होती हैं। यही कारण हैं कि उनकी निगरानी जरूरी हैं। हालात बिगड़ते ही मरीज को तत्काल अस्पताल में भर्ती किया जाना चाहिए।
बलरामपुर अस्पताल के निदेशक डॉ.रमेश गोयल ने बताया कि गर्मी बढ़ने के साथ है अस्पताल में डायरिया, अपच, फूड प्वाइजनिंग और डिहाइड्रेशन के मरीजों की संख्या में इजाफा हुआ है हालांकि अस्पताल की ओपीडी में फिजिशियन क्लीनिक में मौजूद डॉक्टर सभी का उपचार कर रहे हैं फिर भी जरूरत पड़ने पर मरीजों को इमरजेंसी वार्ड में भर्ती किया जा रहा हैं। 24 घंटे ऐसे मरीजों को उपचार मिल रहा हैं।
वही सिविल अस्पताल के मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉ.आरपी सिंह ने बताया कि प्रचंड गर्मी के बीच डायरिया के सबसे ज्यादा मरीज सामने आ रहे हैं। बड़ी बात यह हैं कि हर उम्र के लोग इसकी चपेट में हैं।हालांकि अस्पताल पहुंचने के बाद मरीजों का इलाज शुरू किया जा रहा हैं। साथ ही अस्पताल आने में देरी न करने की बात कही जा रही हैं।
राजनारायण लोकबंधु अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक डॉ.अजय शंकर त्रिपाठी ने बताया कि डायरिया का प्रकोप बढ़ा हैं। गंभीर हालत में मरीज दिन और रात दोनों में ही अस्पताल परिसर में लाए जा रहे हैं। हालांकि अभी तक कोई अप्रिय घटना सामने नही आई हैं। पर इमरजेंसी डॉक्टरों और एक्सपर्ट फिजिशियन की निगरानी में उनका इलाज चल रहा हैं।

KGMU के चिकित्सा अधीक्षक डॉ. एसएन शंखवार ने बताया कि OPD में डायरिया और डिहाइड्रेशन के मरीज बढ़े हैं। गर्मी के आम दिनों में भी ऐसे मरीजों की संख्या में इजाफा होता हैं पर बीते 10 दिनों में इसमें और तेजी आई हैं। बहरहाल मरीजों को समुचित उपचार दिया जा रहा हैं। डायरिया से बचने के लिए मरीजों को टिप्स भी दी जा रही हैं।
बुखार
उल्टी
सिरदर्द
पेट दर्द
लूज मोशन
जी मिचलाना
भूख न लगना
बार-बार प्यास लगना
बार-बार बाथरूम जाना
डायरिया से बचने के लिए करें यह उपाय
पानी और नमक की कमी को दूर करें।
नमक-चीनी का घोल या ORS पिएं।
दिन में 6-7 बार यह घोल जरूर पिएं।
काली चाय में नींबू का रस मिलाकर भी पी सकते हैं।
हल्का-फुल्का खाना जैसे दलिया या खिचड़ी ही खाएं।
खाने में दही और फलों में केला खा सकते हैं।
फ्रेश खाना ही खाएं, बासी खाने से परहेज करें।
सफाई का ख्याल रखें। खाने से पहले हाथ जरूर धोएं।
उबला हुआ, हल्का गुनगुना पानी पीना बेहतर होगा।
खान पान को लेकर बहुत सावधानी बरते।
ठंडे मौसम से एसी रूम से अचानक तेज धूप और गर्मी से बचना।
गर्म हवाओं और धूप में अधिक समय बिताना।
तेज गर्मी के मौसम में अधिक एक्सरसाइज करना।
गर्मी के मौसम में ठंडी तासीर की चीजों का सेवन ना करना या कम करना। जैसे, दही, खीरा, तरबूज इत्यादि।
सही कपड़ों का चुनाव ना करना। ऐसे कपड़े पहनने से बचे। जिनमें हवा पास ना होती हो। इस कारण भी लू लग सकती है।
एल्कोहॉल का अधिक सेवन करना भी गर्मी के मौसम में भारी पड़ता है।इसके साथ ही लू लगने की वजह बन सकता है।