4 दिन पहले 12 ने जान गंवाई थी, अफगान तालिबान के हमले में 4 पाकिस्तानी फौजी फिर मारे गए

पाकिस्तान-अफगानिस्तान बॉर्डर पर जबरदस्त तनाव है। रविवार के बाद यहां गुरुवार को भी दोनों तरफ से फायरिंग हुई। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, अफगान तालिबान के हमले में पाकिस्तान के 4 फौजी मारे जा चुके हैं। कुछ वीडियो फुटेज में फायरिंग और मोर्टार शेलिंग की आवाजें साफ सुनी जा सकती हैं।

रविवार को भी इसी बॉर्डर एरिया में फायरिंग हुई थी। इस दौरान 11 पाकिस्तानी और 1 अफगानी की मौत हुई थी। इसके बाद पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शाहबाज शरीफ ने कहा था कि अफगानिस्तान की तालिबान हुकूमत ने घटना पर अफसोस जाहिर किया है। शरीफ ने कहा था- अगर आगे इस तरह की हरकत हुई तो इसका माकूल जवाब दिया जाए
गुरुवार को हुई फायरिंग की असली वजह तो सामने नहीं आई है, लेकिन मीडिया रिपोर्ट्स में कहा जा रहा है कि अफगान तालिबान कई दिनों से बॉर्डर पर फायरिंग कर रहा है। पाकिस्तानी सैनिक इस इलाके में कुछ बॉर्डर पोस्ट्स बनाने की कोशिश कर रहे थे। अफगान तालिबान ने उन्हें रोक दिया और इसके बाद तनाव बढ़ गया।
सोमवार को पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शाहबाज शरीफ ने सिक्योरिटी कमेटी की मीटिंग बुलाई थी। इसके बाद कहा- चमन बॉर्डर पर जो कुछ हुआ वो गलत है। हमारी फौज और नागरिकों पर बेवजह फायरिंग की गई। काबुल में मौजूद तालिबान हुकूमत को यह तय करना होगा कि अब इस तरह की घटना न हो।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, चमन बॉर्डर पर भारी तनाव है। यह स्पिन बोल्दाक का इलाका है। काफी वक्त यह बॉर्डर एरिया बंद भी रहा था। अब अफगान तालिबान ने इस इलाके में जवाबी हमले की तैयारी शुरू कर दी है। उसने बख्तरबंद गाड़ियां, तोपें और दूसरे भारी हथियारों से लैस तालिबान को यहां तैनाती के लिए भेजा है

पाकिस्तान और अफगानिस्तान को डूरंड लाइन अलग करती है। अफगानिस्तान इस बॉर्डर को नहीं मानता और पाकिस्तान के कई इलाकों को अपना बताता है। पाकिस्तान ने यहां कांटेदार तार से फेंसिंग की तो तालिबान ने इसे बुल्डोजर चलाकर उखाड़ दिया। इस बॉर्डर पर दो हफ्ते में 7 पाकिस्तानी फौजी मारे जा चुके हैं। दोनों देशों के बीच ट्रेड इसी बॉर्डर एरिया से होता है।
कंधार के एक तालिबानी अफसर ने कहा- हम यहां नया चेक पाइंट बनाना चाहते थे। पाकिस्तान ने इसे रोकने की कोशिश की। इसी वजह से तनाव बढ़ा। हमारा एक सैनिक शहीद हुआ और 10 नागरिक घायल हुए। इसके बाद जवाबी कार्रवाई की गई।
15 अगस्त 2021 को तालिबान ने अफगानिस्तान की सत्ता पर कब्जा किया था। इसके बाद पाकिस्तान में खुशियां मनाई गईं। तब के पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान ने तो तालिबान की जीत को ‘गुलामी की जंजीरें तोड़ना’ करार दिया। लेकिन, एक साल के पहले ही दोनों देशों में दुश्मनी चरम पर है।
पिछले महीने 8 दिन लगातार फायरिंग हुई थी
न्यूज एजेंसी के मुताबिक, नवंबर में इसी बॉर्डर एरिया में 8 दिन तक लगातार फायरिंग हुई थी। इसकी वजह से दोनों तरफ काफी नुकसान हुआ था। तब पाकिस्तान ने डिप्लोमैटिक तरीके से मामला सुलझाने की कोशिश की थी। पाकिस्तान का आरोप है कि अफगान तालिबान पाकिस्तान की सीमा में आतंकी भेज रहे हैं और ये टेरेरिस्ट पाकिस्तान में हमले करते हैं।
पिछले महीने पाकिस्तान की विदेश राज्यमंत्री हिना रब्बानी खार काबुल गईं थीं। उनके इस दौरे के बावजूद दोनों देशों के बीच तनाव कम नहीं हुआ।
पिछले महीने पाकिस्तान की विदेश राज्यमंत्री हिना रब्बानी खार काबुल गईं थीं। उनके इस दौरे के बावजूद दोनों देशों के बीच तनाव कम नहीं हुआ।
डिप्लोमैसी भी नाकाम
पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच करीब 6 महीने से सीमा पर जबरदस्त तनाव चल रहा है। पिछले दिनों तालिबान की फायरिंग में 6 पाकिस्तानी सैनिकों की मौत हो गई थी। इस तनाव को कम करने के लिए पाकिस्तान की विदेश राज्यमंत्री हिना रब्बानी खार दो हफ्ते पहले अफगानिस्तान गईं थीं। उनके साथ फॉरेन और डिफेंस मिनिस्ट्री के अफसरों का एक डेलिगेशन भी था।

खास बात यह है कि महिलाओं को चारदीवारी और हिजाब में कैद रखने की हिमायती तालिबान हुकूमत के अफसर जब काबुल एयरपोर्ट पर हिना को रिसीव करने पहुंचे तो वो अपने पुराने ग्लैमरस अंदाज में थीं। हिजाब पहनना तो दूर उन्होंने सिर पर दुपट्टा भी नहीं डाला था।
पाकिस्तान और अफगानिस्तान एक सीमा के जरिए अलग होते हैं। इसे डूरंड लाइन कहा जाता है। पाकिस्तान इसे बाउंड्री लाइन मानता है, लेकिन तालिबान का साफ कहना है कि पाकिस्तान का खैबर पख्तूनख्वा राज्य उसका ही हिस्सा है। पाकिस्तानी सेना ने यहां कांटेदार तार से फेंसिंग की है।
15 अगस्त 2021 को अफगानिस्तान की सल्तनत पर तालिबान का कब्जा हो गया। उसने 5 दिन बाद ही यानी 20 अगस्त को साफ कर दिया कि पाकिस्तान को अफगानिस्तान का हिस्सा खाली करना होगा, क्योंकि तालिबान डूरंड लाइन को नहीं मानता।
पाकिस्तान ने इसका विरोध किया और वहां फौज तैनात कर दी। इसके बाद तालिबान ने वहां मौजूद पाकिस्तानी चेक पोस्ट्स को उड़ा दिया। इस इलाके में कई पाकिस्तानी फौजी मारे जा चुके हैं और कई तालिबान के कब्जे में हैं। पिछले हफ्ते ही तालिबान की फायरिंग में 6 पाकिस्तानी सैनिक मारे गए थे।
तालिबान के दो मुख्य धड़े हैं। पहला : अफगान तालिबान। ये अफगानिस्तान की सरकार चला रहा है। दूसरा : तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान जिसे आम बोलचाल में TTP कहा जाता है।
पाकिस्तान में होने वाले 90% आतंकी हमले TTP ही करता है। ये वहां अफगानिस्तान की तर्ज पर शरिया कानून लागू करना चाहता है। पाकिस्तानी फौज को सबसे बड़ा दुश्मन मानता है।