प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपनी दूसरी पारी का एक महीना पूरा कर चुके हैं। दूसरी पारी के पहले महीने में मोदी सरकार पिछली बार की तुलना में कहीं ज्यादा परिपक्व और आत्मविश्वास से भरी नजर आ रही है। किसानों-गरीबों से जुड़े बड़े फैसले और भ्रष्टाचार के खिलाफ सख्त कदम उठाकर सरकार ने इसके संकेत भी दे दिए है।
एक महीने के कामकाज पर नजर डालें तो प्रधानमंत्री अपने कामकाज के पूर्व के तौर-तरीकों को लेकर आगे बढ़ रहे हैं। जैसे केंद्रीय कक्ष में सांसदों को संबोधित करना, पीएम के रूप में संसद में पहला भाषण राष्ट्रपति के अभिभाषण पर चर्चा के रूप में देना, मंत्री परिषद एवं सचिवों की बैठक कर सौ दिन की कार्य योजना का निर्देश देना आदि।
तेवर और अंदाज वही :
मोदी ने पिछले कार्यकाल में पहला फैसला कालेधन पर एसआईटी बनाने का लिया था। इस बार राजस्व विभाग के अफसरों पर कार्यवाही जैसा कड़ा कदम उठाया गया। यदि पहली फाइल पर हस्ताक्षर की बात करें तो शहीदों के बच्चों की छात्रवृत्ति में इजाफा का किया। इसका दायरा भी बढ़ाया। कहने का तात्पर्य यह है कि काम करने का अंदाज वैसा ही है। तेवर भी वैसे ही हैं। संसद में दोनों सदनों में अभिभाषण पर चर्चा के जवाब के दौरान उन्होंने विफलताओं के लिए कांग्रेस पर भी हमला बोला।
तेजी से काम करने की धमक दिखाई :
मोदी सरकार-2 कामकाज के साथ अपनी धमक जमाने के लिए भी तेजी से काम कर रही है। सरकार ने पहले ही माह में अपने घोषणापत्र पर अमल करने के लिए कैबिनेट फैसलों के साथ संसद पर उनकी मुहर भी लगवानी शुरू कर दी है। सरकार ने शुरुआत से ही प्रधानमंत्री स्कालरशिप योजना, मोटर व्हीकल ऐक्ट में बदलाव, एक देश एक राशन कार्ड, कश्मीर नीति, तीन तलाक बिल को लेकर अपने एजेंडे को अमलीजामा पहनाना शुरू कर दिया है।
विपक्ष के खिलाफ आक्रामक :
विशेषज्ञों का कहना है कि विपक्ष के खिलाफ उनकी रणनीति पहले जैसी ही आक्रामक रहेगी। उसमें ज्यादा बदलाव आने की संभावना नहीं है। यह दिख भी रहा है जिस प्रकार टीडीपी के राज्यसभा सदस्यों को भाजपा में शामिल किया गया। पश्चिम बंगाल में तृणमूल के खिलाफ आक्रामक अभियान चल रहा है और चार राज्यों में चुनावी तैयारियां भाजपा की तरफ से चल रही है, वह मोदी और शाह की जोड़ी की पुरानी रणनीति है।
कश्मीर मसले और पाकिस्तान पर सख्त रुख दिखा: कश्मीर में शांति बहाली और पाक को अलग-थलग करना मोदी सरकार के पिछले कार्यकाल की प्राथमिकताओं में शुमार था। इस बार एक माह में उठाए गए कदमों से साफ है कि सरकार का रवैया और सख्त होगा।
मोदी सरकार-1
26 मई 2014 : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पद और गोपनीयता की शपथ ली
27 मई 2014 : प्रधानमंत्री मोदी ने शपथग्रहण के अगले दिन ही कैबिनेट बैठक बुलाई।
पहली कैबिनेट में बड़ा फैसला
कैबिनेट की पहली बैठक में कालेधन का पता लगाने के लिए एसआईटी का गठन किया गया। ताकि कर चोरी और गैर-कानूनी गतिविधियों के जरिए विदेश में जमा की गई भारी धन राशि की जांच की जा सके।
मोदी सरकार – 2
30 मई 2019 : नरेंद्र मोदी ने दूसरी बार प्रधानमंत्री पद की शपथ ली।
31 मई 2919 : 2014 की तरह शपथग्रहण के अगले दिन ही कैबिनेट की बैठक
पहली कैबिनेट में बड़े फैसले
1. प्रधानमंत्री किसान योजना में सभी किसानों को 6000 रुपये मिलेंगे। करीब 12 करोड़ गरीब और सीमांत किसानों को फायदा।
2. शहीदों और पूर्व सैनिकों के बच्चों को छात्रवृत्ति राशि बढ़ाई। हर महीने लड़कों को 2500 और लड़कियों को 3000 रुपये मिलेंगे। पहले 2000 और 2250 रुपये थी।
3. असंगठित कामगारों के लिए पेंशन योजना को मंजूरी दे दी गई है। 60 साल की उम्र के बाद 3000 रुपये प्रतिमाह पेंशन मिलेगी।
ये बड़ी कार्रवाई भी
10 जून 2019 : मोदी सरकार ने भ्रष्टाचार के आरोप में लिप्त एक दर्जन वरिष्ठ अधिकारियों को अनिवार्य तौर पर रिटायर कर दिया है।
18 जून 2019 : भ्रष्टाचार के आरोपों का सामना कर रहे सीमाशुल्क एवं केंद्रीय उत्पाद शुल्क के 15 अधिकारियों को जबरन सेवानिवृत्ति।
पाक को बेनकाब किया
जून में शंघाई सहयोग संगठन शिखर सम्मेलन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि आतंकवाद का प्रायोजन, उसकी मदद और उसका वित्त पोषण करने वाले देशों को जवाबदेह बनाया जाना चाहिए। मोदी के इस प्रस्ताव को अमेरिका, रूस समेत कई देशों ने समर्थन किया।
कश्मीर पर ज्यादा फोकस
दूसरे कार्यकाल में सरकार कश्मीर को बड़ा मुद्दा बनाने की तैयारी है। शाह को गृहमंत्री बनाकर मोदी ने यह भी संकेत दे दिया है कि वे कश्मीर को लेकर कुछ नया कर रहे हैं। राज्य में परिसीमन को लेकर हालांकि सरकार ने आधिकारिक रूप से पत्ते नहीं खोले हैं लेकिन इसके जरिये पार्टी वहां के जनसांख्यिकी ढांचे में बदलाव और गैर कश्मीरी मुख्यमंत्री का रास्ता खोल सकती है। साथ ही धारा 370 और अनुच्छेद 35 की समीक्षा भी कर सकती है। ऐसे संकेत आने लगे हैं।