भारत में SII और Bharat Biotech द्वारा बनाई गई 2 ‘मेड इन इंडिया’ वैक्सीन को मिली मंज़ूरी

ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (DCGI) ने रविवार को ये घोषणा की कि सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (Serum Institute of India or SII) और भारत बायोटेक (Bharat Biotech) द्वारा बनाई गई COVID-19 वैक्सीन को कुछ सरकार द्वारा बनाए गए पैनल ने आपातकालीन हालातों में उपयोग के लिहाज़ से मंज़ूरी दे दी है।

जी हाँ! इसी के साथ ही देश को 2 ‘मेड इन इंडिया’ वैक्सीन अब अधिकारिक रूप से मिल चुकी हैं। दरसल आपको बता दें पुणे आधारित SII असल में Oxford University-AstraZeneca द्वारा बनाई गई।

विकसित की गई वैक्सीन की ही भारत में मैन्युफ़ैक्चरिंग और ट्रायल की ज़िम्मेदारी संभाल रही है। आपको बता दें SII द्वारा पेश Oxford University-AstraZeneca की ये वैक्सीन भारत में ‘Covishield’ नाम से मिलती नज़र आएगी।

वहीं अगर बात Bharat Biotech की करें तो ICMR के साथ मिलकर इसने देश की पहली स्वदेशी वैक्सीन विकसित की है, जिसको आप बाज़ार आदि में Covaxin के नाम से मिलते देख सकेंगें।

एक प्रेस वार्ता में DCGI की तरफ़ से कहा गया कि, पर्याप्त टेस्टिंग आदि के बाद केंद्रीय ड्रग्स स्टैंडर्ड कंट्रोलर, CDSCO ने विशेषज्ञ पैनल की सिफारिशों को स्वीकार करने का फैसला किया है और आपातकालीन परिस्थितियों में SII और Bharat Biotech की वैक्सीनों को कुछ प्रतिबंधित शर्तों के साथ इस्तेमाल किया जा सकता हैं।

इस बीच DCGI की इस घोषणा के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कोरोनोवायरस के खिलाफ देश की इस जंग में इस क़दम को एक निर्णायक मोड़ देने वाला करार दिया, और Twitter पर देशवासियों को मेड इन इंडिया वैक्सीन को मंज़ूरी मिलने को लेकर बधाई भी दी।

इस बीच DCGI की इस प्रेस वार्ता में ये भी बताया गया कि जिस पैनल ने इन वैक्सीन के आपातकाल में इस्तेमाल को मंज़ूरी दी उसमें पल्मोनोलॉजी, इम्यूनोलॉजी, माइक्रोबायोलॉजी, फार्माकोलॉजी, पीडियाट्रिक्स, आंतरिक चिकित्सा आदि क्षेत्रों से जुड़े विशेषज्ञ शामिल हैं।

इस बीच बात Covishield की करें तो DCGI के अनुसार SII ने विदेशों में हुए 23,745 प्रतिभागियों, जिनकी उम्र 18 साल या उससे अधिक है, पर की कई टेस्टिंग के डेटा को पैनल को सौंपा था। जिसमें वैक्सीन 70.42% प्रभावी साबित हुई है। कहा जा रहा है इसके साथ ही इस फ़र्म ने स्थानीय स्तर पर हुए ट्रायल के डेटा को भी पेश किया है।

वहीं Covaxin को लेकर DCGI ने कहा कि इस फर्म ने विभिन्न जानवरों की प्रजातियों जैसे कि चूहे, चूहे, खरगोश आदि में इम्युनोजेनेसिटी आदि टेस्टिंग डेटा को उपलब्ध करवाया।

DCGI के अनुसार Bharat Biotech ने फ़ेज़ 1 और 2 की क्लिनिकल ट्रायल को लगभग 800 सब्जेक्ट पर ट्राई किया और परिणामों से पता चला है कि ये वैक्सीन काफ़ी हद तक सुरक्षित है और एक मजबूत प्रतिरक्षा क्षमता प्रदान करने में सक्षम है।

वहीं आगे यह भी बताया गया कि इस वैक्सीन के फ़ेज़ 3 टेस्टिंग को 25,800 प्रतिभागियों पर भारत में ही किया गया था और अब तक लगभग 22,500 प्रतिभागियों पर लगी इस वैक्सीन के परिणामों को देखते हुए वैक्सीन को सुरक्षित कहा जा सकता है।

इस बीच आपको बता दें Serum Institute of India (SII) के सीईओ, अदार पूनावाला ने रविवार को कहा कि Oxford University-AstraZeneca वैक्सीन सरकार को प्रति खुराक ₹200 में वहीं आम जनता को ₹1,000 में उपलब्ध करवाई जाएगी। अब देखना ये है कि SII और Bharat Biotech की ये वैक्सीन देश में कितनी कारगर साबित हो पाती हैं?

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आदर्श कुमार

संस्थापक और एडिटर-इन-चीफ