इजराइल और हमास के बीच जंग जारी है। शुक्रवार रात इजराइली कैबिनेट ने अहम फैसला किया। इसके तहत गाजा में हर दिन 2 फ्यूल टैंकर भेजे जाएंगे। इजराइल की नेशनल सिक्योरिटी काउंसिल के चेयरमैन जाची हांगेबी ने कहा- अमेरिका ने फ्यूल के बारे में यह अपील की थी।
इजराइली डिफेंस फोर्सेस (IDF) ने कुछ जर्नलिस्ट्स को गाजा के अस्पतालों का दौरा कराया है। हालांकि, IDF ने उसने कहा कि कई जगह फायरिंग हो रही है, लिहाजा वो हर हिस्से में नहीं जा सकते।
नेशनल सिक्योरिटी काउंसिल के चेयरमैन हांगेबी ने कहा- गाजा में सीवेज सिस्टम पूरी तरह खत्म होने की कगार पर है। इससे बीमारियां फैलने का खतरा है। इसके प्लांट को ऑपरेट करने के लिए फ्यूल की सख्त जरूरत है। लिहाजा, वहां दो टैंकर रोज भेजने का फैसला कैबिनेट ने किया है। इससे न सिर्फ फिलिस्तीनियों को बल्कि हमारे सैनिकों को खतरा है।
हांगेबी ने आगे कहा- वहां प्लेग जैसी जानलेवा बीमारी फैली तो हमें मिलिट्री ऑपरेशन रोकना पड़ेगा। हमने फैसले के पहले अपने तमाम सिक्योरिटी चीफ्स से बातचीत की है। अमेरिकी सरकार भी कई दिन से इस बारे में अपील कर रही थी। हमने उनकी बात मान ली है।
हांगेबी ने एक सवाल के जवाब में कहा- अगर हमास सभी बंधकों को रिहा करने पर तैयार हो जाता है, तो हम भी सीजफायर के लिए तैयार हो सकते हैं। हालांकि, यह बहुत कम वक्त के लिए होगा, क्योंकि इस जंग में हमारा टारगेट फिक्स है। हमास को हमेशा के लिए खत्म किए बिना हमारी फौज अब किसी सूरत में नहीं लौटेगी और यह बात हम कई बार साफ कर चुके हैं।
नेशनल सिक्योरिटी काउंसिल के चेयरमैन हांगेबी (बीच में) ने कहा- गाजा में सीवेज सिस्टम पूरी तरह खत्म होने की कगार पर है। इससे बीमारियां फैलने का खतरा है।
IDF ने शुक्रवार को शक होने पर नॉर्थ गाजा के एक डे-केयर सेंटर पर छापा मारा। सैनिक उस वक्त हैरान रह गए, जब इस सेंटर के अलग-अलग हिस्सों से अनगिनत हथियार बरामद हुए। इनमें हजारों गोलियों, हैंड ग्रेनेड और ड्रग्स तक बरामद हुए।
इजराइली फौज ने बाद में इसके फोटोग्राफ्स भी रिलीज किए। IDF के मुताबिक- इस सेंटर का नाम अल कार्मेल स्कूल ऑफ गाजा है। कुछ हथियारों की पहचान हो चुकी है और यह ईरान में बने हैं। इसके अलावा कुछ ड्रोन्स के पार्ट्स भी मिले हैं।
इजराइल की फौज तीन दिन से इजराइल के अस्पतालों पर कार्रवाई कर रही है। शुक्रवार को IDF ने कुछ जर्नलिस्ट्स को गाजा के सबसे बड़े मेडिकल कॉम्पलेक्स अल शिफा का दौरा भी कराया। हालांकि, मीडिया रात के वक्त यहां पहुंचा और वो भी कुछ खास हिस्सों तक।
इस दौरान वहां टनल नेटवर्क के कुछ खास हिस्से साफ देखे गए। इनमें कुछ शाफ्ट लगे थे और इसी के साथ सीड़ियां भी थीं। इनके जरिए ही सुरंगों के अंदर पहुंचा जाता था। इजराइल के एक कमांडर ने कहा कि कुछ जगह फायरिंग चल रही है, लिहाजा वहां जाना खतरनाक साबित हो सकता है।
गाजा के अल शिफा अस्पताल पर इजराइली डिफेंस फोर्सेस (IDF) की कार्रवाई जारी है। शुक्रवार को इस हॉस्पिटल के डायरेक्टर मोहम्मद अबु सालमिया ने कहा- गुरुवार और शुक्रवार की दरमियानी रात यहां 22 लोग मारे गए। यह अब हॉस्पिटल की जगह बड़ा जेल और कब्रगाह बन गया है।
अस्पताल में 7 हजार लोग और स्टाफ हैं। ICU के तमाम मरीज मारे जा चुके हैं। हमारे पास बिजली, पानी और खाना कुछ नहीं है। हर गुजरते मिनिट में मौतें हो रही हैं। पिछली रात 22 लोग मारे गए। हमने इजराइली सेना से अस्पताल को बख्शने की अपील की, उन्होंने नहीं सुनी। ये पूरी तरह वॉर क्राइम है।
इजराइल-हमास जंग के बीच फिलिस्तीनियों के हक की पैरवी करने वाले सऊदी अरब के मक्का-मदीना में गाजा के लिए प्रार्थना करने पर लोगों को हिरासत में लिया जा रहा है। , एक ब्रिटिश एक्टर इस्लाह अब्दुर-रहमान मक्का में फिलिस्तीनी स्कार्फ पहनकर पहुंचा था।
तभी सऊदी की पुलिस ने उसे हिरासत में ले लिया। उससे पूछताछ की गई और फिर स्कार्फ दोबारा न पहनने की समझाइश देकर छोड़ दिया गया। दूसरी तरफ इजराइल ने गाजा में एक दिन में 2 फ्यूल ट्रक पहुंचाने की इजाजत दे दी है। इसका इस्तेमाल UN के कामों, पानी और सीवेज सिस्टम को बनाए रखने के लिए किया जाएगा।
वहीं, नेतन्याहू ने इस बात को भी स्वीकार किया है कि वो गाजा में नागरिकों की मौत के आंकड़े को कम करने में नाकाम रहे हैं। नेतन्याहू ने कहा- इसके लिए हमास ही जिम्मेदार है। उसे फिलिस्तीनियों की परवाह नहीं और वो उन्हें जंग में घसीटता रहता है। इजराइल फिलिस्तीनियों की सुरक्षा के लिए उन्हें लगातार खतरे वाली जगहों से दूर जाने का मैसेज दे रहा है।
इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने गुरुवार को एक इंटरव्यू में अल-शिफा अस्पताल में इजराइली सेना की घुसपैठ की वजह बताई। उन्होंने कहा- हमें काफी मजबूत संकेत मिले थे कि हमास ने कुछ बंधकों को अस्पताल में छिपाया है।
बंधकों के बारे में इजराइली इंटेलिजेंस को जानकारी मिली थी। हालांकि, प्रधानमंत्री ने ये भी कहा कि इजराइली सेना की घुसपैठ से पहले ही हमास ने बंधकों को अल-शिफा अस्पताल से निकाल कर कहीं और शिफ्ट कर दिया।
वहीं, IDF ने बताया है कि अल-शिफा अस्पताल के पास की एक इमारत से किबुत्ज बेरी से बंधक बनाई गई 65 साल की महिला का शव मिला है। महिला का नाम यहूदित वीज बताया गया है। IDF को उसके शव के पास से AK-47 जैसे हथियार भी मिले हैं। इजराइली हमले में गाजा में मौजूद फिलिस्तीनी संसद भी तबाह हो चुकी है।
हमास के टनल नेटवर्क को लेटेस्ट वॉर टेक्नोलाजी के इस्तेमाल से तबाह किया जा रहा है। इसमें मैपिंग रोबोट और ब्लास्ट जेल भी शामिल हैं। दूसरी तरफ, इजराइली एयरफोर्स ने पहली बार कबूल किया है कि उसने गाजा में अब तक हजारों हमास आतंकी ढेर किए हैं।
कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में बताया गया है कि इजराइल डिफेंस फोर्सेस (IDF) के सामने गाजा पर हमले के बाद सबसे बड़ी चुनौती ही यही थी कि हमास के टनल नेटवर्क का पता कैसे लगाया जाए। बाद में मैपिंग टेक्नोलॉजी और इसके बाद मैपिंग रोबोट का इस्तेमाल किया गया।
इसके उपयोग से बहुत सफलता मिली। इन टनल्स में सीधा घुसना खतरे से खाली नहीं था। लिहाजा, इजराइली सेना ने ब्लास्ट जेल का इस्तेमाल करना शुरू किया। कम से कम तीन एंट्रेंस का पता इसी तकनीक से लगाया गया और बाद में इस पूरे नेटवर्क तो तबाह कर दिया गया।
एक इजराइली अफसर ने कहा- टनल नेटवर्क का पता लगाना और फिर उसे खत्म करना ही हमारा पहला मिशन था। इसमें जबरदस्त कामयाबी मिली है। कई बार हमारे रोबोट टनल्स के काफी अंदर तक गए और वहां की पूरी मैपिंग हमें भेजते रहे। बाकी काम फोर्स ने किया। इस अफसर ने कहा- इससे ज्यादा जानकारी नहीं दी जा सकती, क्योंकि ऑपरेशन अभी चल रहा है।
इजराइल के एयरफोर्स चीफ मेजर जनरल टोमर बार ने कहा है कि उनकी फोर्स जब तक अपने फर्ज को अंजाम तक नहीं पहुंचाएगी, तब तक ऑपरेशन जारी रहेगा।
इजराइल के एयरफोर्स चीफ मेजर जनरल टोमर बार ने गुरुवार रात मीडिया से बातचीत की। कहा- 7 अक्टूबर को हमास ने हमारे देश पर हमला किया था। इसके बाद हमने तय कर लिया कि अब हमास को जड़ से खत्म करना है। आप यह तय मानिए कि हमास के किसी आतंकी को किसी सूरत में नहीं बख्शा जाएगा। हमने अब तक हजारों आतंकियों को मार गिराया है।
एयरफोर्स चीफ ने कहा-हमने फैसला किया है कि जब तक अपने फर्ज को अंजाम तक नहीं पहुंचाएंगे, तब तक ऑपरेशन जारी रहेगा। इसलिए हमारी टीम नॉन स्टॉप काम कर रही है। हम हमास पर जमीन के ऊपर और जमीन के अंदर, हर जगह हमले कर रहे हैं। हमारी फोर्स इतनी ताकतवर है कि वो मिडिल ईस्ट में कभी भी, कहीं भी और किसी भी वक्त अपने दुश्मन को तबाह करने की काबिलियत रखती है।
इजराइल के एक हाईकोर्ट ने एसोसिएशन फॉर सिविल राइट्स की शनिवार को होने वाली एंटी वॉर प्रोटेस्ट रैली की मंजूरी दे दी है। पुलिस ने पहले इसकी मंजूरी से इनकार कर दिया था। बाद में संगठन ने हाईकोर्ट में पिटीशन दायर करके इसकी मंजूरी मांगी थी।
इस संगठन में ज्यादातर अरब मूल के लोग हैं और ये अरब हादाश पार्टी से जुड़े हुए हैं। पुलिस का कहना है कि इस रैली की वजह से इजराइल में अंदरूनी हालात बिगड़ सकते हैं। दूसरी तरफ, संगठन का कहना है कि ये उनकी आवाज दबाने की कोशिश है और रैली से कानून व्यवस्था को खतरा नहीं है।
हाईकोर्ट ने रैली का स्थान बदलते हुए आयोजकों से साफ कहा कि लॉ एंड ऑर्डर के मामले में कोई समझौता नहीं किया जाएगा और रैली में किसी तरह की हिंसा नहीं होनी चाहिए।