लगता है टीम इंडिया ब्रुस ली के इस वाक्य को भुला चुकी है। शायद यही कारण है कि वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप (WTC-2023) के फाइनल से पहले टीम मैनेजमेंट ने IPL के चक्कर में प्रैक्टिस के लिए बहुत कम टाइम निकाला। लिहाजा, टीम को 7 से 11 जून के बीच लंदन के द ओवल मैदान पर फाइनल मुकाबले में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ बिना किसी प्रैक्टिस मैच के उतरना पड़ेगा। इतना ही नहीं, टीम के धुरंधर भी गिनती के दिन ही प्री-मैच प्रैक्टिस कर सकेंगे, जबकि ऑस्ट्रेलियन इसे ‘करो या मरो’ का मुकाबला मानकर तैयारी कर रहे हैं।
WTC फाइनल के प्रति क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया की सीरियसनेस का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि टीम के कप्तान पैट कमिंस समेतत करीब आधा दर्जन खिलाड़ियों ने IPL से किनारा कर लिया। कप्तान और टीम के अधिकांश खिलाड़ी अपने ही देश में इंग्लैंड के ओवल जैसी पिच बनाकर अभ्यास करते रहे, जबकि भारतीय खेमे से चेतेश्वर पुजारा ही IPL से जुदा होकर काउंटी क्रिकेट में पसीना बहाते नजर आए।
इसका दूसरा पहलू इंग्लैंड में चल रही काउंटी क्रिकेट लीग में नजर आता है। फर्स्ट क्लास फॉर्मेट के इस कॉम्पिटिशन में 3 कंगारू खिलाड़ी खेलते नजर आए, जबकि भारतीय दल से सिर्फ चेतेश्वर पुजारा ने हिस्सा लिया। शेष 14 भारतीय खिलाड़ी IPL खेलने में व्यस्त रहे।
फाइनल से पहले कंगारू टीम के खिलाड़ी ऑस्ट्रेलिया में लाल गेंद से प्रैक्टिस करने के बाद 26 मई को एक साथ लंदन पहुंचे औेर वहां काउंटी खेल रहे टीम के अन्य खिलाड़ी भी टीम से जुड़ गए। जबकि BCCI ने IPL के कारण तीन से चार किस्तों में अपने खिलाड़ी भेजे। ऐसे में भारतीय खिलाड़ियों को आपस में प्रैक्टिस करने के अलावा कोई विकल्प नहीं मिला। गौर करने वाले बात यह है कि IPL में दिल्ली कैपिल्स के कप्तान रहे डेविड वॉर्नर भी पहले स्वदेश लौटे, फिर टीम के साथ लंदन रवाना हुए।
लंदन पहुंचने वाले ऑस्ट्रेलियाई खिलाड़ी
- पहला बैच: काउंटी क्रिकेट खेलने वाले खिलाड़ी अप्रैल महीने से इंग्लैंड में हैं। इनमें स्टीव स्मिथ, मार्नस लाबुशेन और मार्कस हैरिस शामिल रहे।
- दूसरा बैच: नॉन काउंटी प्लेयर्स 26 मई को ऑस्ट्रेलिया से इंग्लैंड पहुंचे। इस बैच में IPL खेलकर स्वदेश लौटे डेविड वॉर्नर भी शामिल थे। इस बैच के खिलाड़ी ऑस्ट्रेलिया में इंग्लैंड जैसी पिच की कंडीशन में प्रैक्टिस कर रहे थे, जबकि कप्तान पैट कमिंस सिडनी में तैयारी कर रहे थे।
किस्तों में रवाना हुई टीम इंडिया
- पहला बैच: 23 मई अक्षर पटेल, शार्दुल ठाकुर, विराट कोहली, रविचंद्रन अश्विन, मोहम्मद सिराज और उमेश यादव।
- दूसरा बैच: 27 मई सूर्यकुमार यादव, ईशान किशन, रोहित शर्मा, यशस्वी जायसवाल।
- तीसरा बैच : 30 मई को शुभमन गिल, रवींद्र जडेजा, अजिक्य रहाणे, केएस भरत और मोहम्मद शमी।
- WTC फाइनल से पहले भारतीय टीम मैनेजमेंट ने पिछले फाइनल से भी सीख नहीं ली। 2021 में जब भारतीय टीम WTC फाइनल हारी थी, तब भी हमारे प्लेयर्स IPL खत्म होने के बाद इंग्लैंड पहुंचे थे। टीम ने प्रैक्टिस मैच भी नहीं खेला, जिस कारण भारत ढाई दिन में ही टेस्ट मैच हार गया। तब न्यूजीलैंड के खिलाड़ी ऑस्ट्रेलियन प्लेयर्स की तरह कई दिन पहले इंग्लैंड पहुंच गई थे, उन्होंने इंग्लैंड के खिलाफ 2 टेस्ट की सीरीज भी खेली थी। जिसका फायदा उन्हें WTC फाइनल में मिला।
- काउंटी लीग में प्रदर्शन की बात करें तो भारतीय बल्लेबाज चेतेश्चर पुजारा अकेले ही कंगारू बल्लेबाजों पर भारी पड़े। पुजारा ने ससेक्स की ओर से खेलते हुए 6 मैचों की 8 पारियों में 545 रन बनाए। इनमें एक शतक और तीन अर्धशतक शामिल हैं। उन्होंने ससेक्स टीम की कप्तानी भी की, इसी टीम में कंगारू खेमे से स्टीम स्मिथ ने 3 मैचों में 122 रन बनाए। वहीं बाकी कंगारू प्लेयर्स में मार्नस लाबुशेन ने 5 मैचों में 502 और मार्कस हैरिस ने 5 मैचों में 457 रन बनाए।