केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआइ) ने महाराष्ट्र (Maharashtra) के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख (Anil Deshmukh) के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोपों की जांच के लिए मंगलवार को एक प्राथमिक जांच दर्ज की। यह जानकारी अधिकारियों ने दी। केंद्रीय जांच एजेंसी की एक टीम मंगलवार दोपहर मुंबई पहुंची और सभी संबंधित दस्तावेज एकत्र किए। एजेंसी ने बांबे हाई कोर्ट (Bombay High Court) के आदेश के अनुपालन में प्राथमिक जांच शुरू कर दी। सीबीआइ के प्रवक्ता आर सी जोशी ने कहा कि सीबीआइ ने 5 अप्रैल, 2021 के बांबे हाई कोर्ट के आदेश के आलोक में प्राथमिक जांच दर्ज की है। उल्लेखनीय है हाई कोर्ट ने आरोपों की प्राथमिक जांच के लिए सीबीआइ को 15 दिन का समय दिया था।
राज्य के पूर्व गृहमंत्री अनिल देशमुख के खिलाफ सीबीआइ जांच को चुनौती देते हुए महाराष्ट्र सरकार ने मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था। परमबीर सिंह की याचिका पर सुनवाई करते हुए बॉम्बे हाईकोर्ट ने सीबीआइ को अनिल देशमुख के खिलाफ प्राथमिक जांच करने का आदेश दिया था। बॉम्बे हाईकोर्ट ने इस मामले में सीबीआइ को 15 दिन के अंदर जवाब दाखिल करने के लिए कहा है। महाराष्ट्र सरकार ने इस फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है। ये खबर भी सामने आयी है कि पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख ने व्यक्तिगत तौर पर भी सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है।
अनिल देशमुख के इस्तीफा देने के बाद महाराष्ट्र के नए गृह मंत्री दिलीप वालसे पाटिल ने मंगलवार दोपहर बाद गृह मंत्री का पदभार संभाला। पदभार ग्रहण करते हुए पाटिल ने कहा कि बेहद मुश्किल समय में मुझे एक महत्वपूर्ण जिम्मेदारी सौंपी जा रही है। उन्होंने कहा मेरा पूरा प्रयास रहेगा कि पुलिस विभाग सिस्टम से चले। बता दें कि सोमवार शाम को राज्य के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने राज्यपाल को चिट्ठी लिखकर देशमुख का इस्तीफा मंजूर करने की सिफारिश की थी, जिसके बाद राज्यपाल ने इसे मंजूर कर लिया था।