यूपी के सवा करोड़ कामगारों और श्रमिकों को मिलेगा रोजगार: योगी आदित्यनाथ

आत्मनिर्भर उत्तर प्रदेश रोजगार कार्यक्रम के शुभारंभ के मौके पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि इसके तहत सूबे के सवा करोड़ कामगारों-श्रमिकों को रोजगार दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि ग्राम्य विकास और पंचायतीराज विभागों की ओर से सामुदायिक शौचालय के निर्माण, प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत आवास निर्माण, मनरेगा के तहत ग्रामीण सड़कों व तालाबों की खोदाई व अन्य कार्यक्रमों में 62 लाख से अधिक श्रमिकों व कामगारों को नियोजित किया जा रहा है।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बताया कि एमएसएमई सेक्टर में 50 लाख, स्वयं सहायता समूहों व फार्मर्स प्रोड्यूसर्स ग्रुप में पांच लाख, एक्सप्रेसवे, सड़क, सिंचाई संसाधनों के निर्माण तथा वन, नगर विकास व अन्य विभागों की परियोजनाओं में 10 लाख श्रमिकों व कामगारों का नियोजन किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री द्वारा आत्मनिर्भर भारत पैकेज के तहत शुक्रवार को 2.68 लाख एमएसएमई इकाइयों को 6,565 करोड़ रुपये तथा 1.35 लाख नई इकाइयों को लगभग 4,034 करोड़ रुपये का ऋण वितरण किया जा रहा है। विश्वकर्मा श्रम सम्मान योजना व एक जिला, एक उत्पाद योजना के तहत प्रदेश के 5000 से अधिक परंपरागत कारीगरों को टूल किट भी बांटे जा रहे हैं।

दक्ष कामगारों में सबसे ज्यादा निर्माण क्षेत्र से : मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि प्रदेश में 35.92 लाख से अधिक श्रमिकों और कामगारों की सकुशल वापसी हुई है। प्रधानमंत्री के कहने पर राज्य सरकार ने वापस लौटे हुए कामगारों में से 18 वर्ष से अधिक आयु वर्ग के 30.47 लाख लोगों की स्किल मैपिंग कराई। इनमें से 24.75 लाख कंस्ट्रक्शन, रियल एस्टेट व अन्य निर्माण कार्यों, 92 हजार कारखाना मजदूर, 62,800 टेलर, 45 हजार ड्राइवर, 10,700 हस्तकला तथा 3.61 लाख सेल्स, वेंडिंग, सेक्योरिटी गॉर्ड, कुरियर सेवा आदि से जुड़े हैं।

15 लाख प्रवासी श्रमिकों को ग्रामीण क्षेत्र में रोजगार : मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बताया कि प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों में वापस आये 26.12 लाख कामगार तथा नगरीय क्षेत्रों में वापस आये 1.63 लाख श्रमिक होम क्वारंटाइन से बाहर आ गए हैं। 4.71 लाख लोग अब भी होम क्वारंटाइन में हैं। प्रदेश में अन्य राज्यों से वापस लौटे 15 लाख से अधिक कामगारों व श्रमिकों को ग्रामीण क्षेत्र की योजनाओं में कार्य दिया गया है। इसके अलावा वापस लौटे 4.22 लाख श्रमिकों की राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत स्किल मैपिंग कराते हुए इनमें से 1.69 लाख श्रमिकों को उनकी कुशलता के अनुसार कार्य में लगाया गया। वापस लौटीं 29,600 महिला कामगारों को स्वयं सहायता समूहों से जोड़ा गया है। उन्होंने कहा कि अनलॉक की कार्रवाई के पश्चात लगभग 7.8 लाख औद्योगिक इकाइयों संचालित की गईं। आत्मनिर्भर भारत योजना के पहले चरण में प्रदेश में लगभग 57 हजार नई एमएसएमई इकाइयों को 2002 करोड़ रुपये का ऋण वितरित किया गया। इन इकाइयों ने काम शुरू कर दिया है।

इन क्षेत्रों से जुड़े 5000 कारीगरों को मिले टूल किट

  • दर्जी व जरदोजी : 1650
  • धातु उद्योग (सोनार, लोहार आदि) : 1088
  • शीशा उद्योग : 250
  • दरी व कालीन उद्योग : 120
  • फर्नीचर (बढ़ई) : 1082
  • खाद्य प्रसंस्करण व हलवाई : 669
  • नाई : 212
  • टोकरी बुनकर : 137
  • कुम्हार : 120
  • राजमिस्त्री : 95
  • फुटवियर कारीगर : 112