यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री एवं सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव मानते हैं कि संसद में सिर्फ गौतम अदाणी पर ही नहीं, बल्कि इस सरकार के कार्यकाल में लाभ लेने वाले सभी उद्योगपतियों पर बात होनी चाहिए। संभल में इंसानी जिंदगियां गईं, इसलिए सपा ने संसद में इस मुद्दे पर जोर दिया।
वे कहते हैं कि भाजपा सरकार की साजिशों को पीडीए अच्छी तरह से समझ चुका है और अगले आम चुनाव में इसका जवाब देगा। अखिलेश यादव ने अमर उजाला संवाददाता अजित बिसारिया से देश-प्रदेश के मुद्दों पर विस्तृत बातचीत की।
आप कहते हैं कि 2027 में भाजपा यूपी की सत्ता से बाहर होगी। ऐसा कहने का आधार क्या है?
ढांचागत सुविधाओं का विकास करने में सरकार विफल रही है। कल्याणकारी योजनाओं में कोई नया प्रयोग नहीं कर पाई। कार्यकाल के आठवें साल में निवेशकों के लिए जमीन जुटाने की बात कर रही है। स्वास्थ्य, शिक्षा और कानून-व्यवस्था, सब लिहाज से भाजपा सरकार फ्लॉप साबित हुई है।
विकल्प के रूप में जनता सपा को क्यों चुनेगी?
योगी आदित्यनाथ धार्मिक सीएम तो हैं, पर विजिनरी (दूरगामी सोच वाले) नहीं। सपा सरकार ने इंफ्रास्ट्रक्चर के विकास, शिक्षा व स्वास्थ्य सुविधाओं के लिहाज से मॉडल पेश किए। पीडीए यानी पिछड़े, दलित व अल्पसंख्यक या कहें पीड़ित, दुखी और अपमानित लोग सपा के साथ हैं। वे देख रहे हैं कि किस तरह से आरक्षण पर डाका जा रहा है। संविधानिक मूल्यों को किनारे किया जा रहा है।
हरियाणा और महाराष्ट्र में तो विपक्षी पार्टियां कामयाब नहीं हुईं?
हरियाणा में भाजपा ने अन्य प्रत्याशियों पर भी फंड लुटाया। महाराष्ट्र में अपने दल के एक भी विद्रोही को चुनाव मैदान में नहीं उतरने दिया। यूपी चुनाव के मद्देनजर अभी से अपनी उपलब्धियां बताने से ज्यादा विरोधियों की इमेज खराब करने के लिए सरकार बजट खर्च कर रही है। इन सबसे पीडीए ने सबक लिया है और अब जवाब देने को तैयार है।
क्या बिहार राज्य के आगामी चुनाव में पीडीए रणनीति सफल होगी?
बिहार का चुनाव भाजपा वहां के सीएम नीतीश कुमार का नाम आगे रखकर लड़ेगी। लेकिन, चुनाव बाद नीतीश कुमार को किसी भी हालत में सीएम नहीं बनाया जाएगा। शपथ कोई और लेगा।
कहा जा रहा है कि उपचुनाव में पीडीए का पर्चा लीक हो गया?
मीडिया का एक बड़ा हिस्सा सच नहीं दिखा रहा है। यूपी का उपचुनाव पैसे और प्रशासन की मदद से जीता गया। पीडीए ने इससे सबक लिया है। पुलिस व प्रशासन की नौकरियों में प्रभुत्ववादियों को काबिज करवाकर भाजपा सरकार पीडीए का हक मारना चाहती है।
आरोप लगता है कि सपा के आने पर कानून-व्यवस्था बिगड़ती है?
हाल ही में हुई संभल हिंसा स्पष्ट करती है कि माहौल बिगाड़ने का काम भाजपा सरकार करती है। मैं तो यहां तक कह रहा हूं कि संभल के डीएम और एसपी को ब्लैकमेल करके उनसे तमाम काम करवाए जा रहे हैं।
गौतम अदाणी के मुद्दे पर कांग्रेस व सपा में मतभेद हैं?
संभल में जानें गईं। इसलिए लोकसभा में यह मुद्दा उठाना ज्यादा जरूरी था। इस सरकार में बेजा लाभ लेने वाले 100-200 उद्योगपति हैं। इसलिए किसी एक उद्योगपति के बजाय सभी पर बात होनी चाहिए। वर्ष 2023-24 में सबसे ज्यादा चंदा भाजपा को मिला। जनता सब देख रही है।
कहा जा रहा है कि मोदी सरकार के कार्यकाल में दुनिया में भारत का मस्तक ऊंचा हुआ है?
सरकार बताए कि मुफ्त राशन लेने वाले 80 करोड़ लोगों की प्रति व्यक्ति आय क्या है? इससे तय होगा कि मस्तक कितना ऊंचा हुआ। टॉप के 10 फीसदी लोगों की आय जोड़कर सबकी प्रति व्यक्ति आय न बताई जाए। विधानसभा सत्र में आपकी कमी महसूस हुई? वर्ष 2027 में सदन सपा सदस्यों से भर जाएगा। बसपा से गठबंधन की कोई संभावना? बसपा सुप्रीमो मायावती जमीन पर ज्यादा रुचि लेते हुए नहीं दिख रही हैं। मिल्कीपुर उपचुनाव होने वाले हैं? हम कवर करने के लिए देश-दुनिया के मीडिया का आह्वान करेंगे, ताकि सब देख लें कि यहां चुनाव किस तरह से होते हैं। क्या विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष में कोई बदलाव करेंगे? ब्राह्मण विरोधी ऐसा प्रचारित कर रहे होंगे।