भारत सरकार के मा० प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने देश की गर्भवती महिलाओं एवं नवजात शिशुओं की देखभाल के लिए स्थानीय स्तर पर पूरी स्वास्थ्य सेवायें प्रदान करने की व्यवस्था की है। प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने प्रदेश में सबको स्वास्थ्य सेवा सम्बन्धी पूरी सुविधा दी है। आम जनता को सभी रोगों के इलाज की सुविधा दी जा रही है। प्रधानमंत्री आयुष्मान भारत योजना एवं मुख्यमंत्री आयुष्मान भारत योजना के तहत प्रदेश के गरीब परिवारों के सदस्यों को रू० 5 लाख तक की मुफ्त इलाज की सुविधा दी जा रही है। प्रदेश सरकार गांवों तथा शहरों की गर्भवती महिलाओं एवं शिशुओं की देख-रेख एवं स्वास्थ्य सुविधाएं प्रदान कर रही है।
जननी सुरक्षा योजना राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन के अन्तर्गत प्रदेश के समस्त जनपदों में संचालित की जा रही है। इस योजना के अन्तर्गत राज्य स्तरीय राजकीय चिकित्सालय के जनरल वार्ड में संस्थागत प्रसव कराने वाली महिलाओं को ग्रामीण क्षेत्र में रू० 1400.00 व शहरी क्षेत्र में रू० 1000.00 एवं बी०पी०एल० श्रेणी के घरेलू प्रसव हेतु रू० 500.00 सहायता राशि के रूप में दिये जाते हैं। आशा कार्यकर्ती पंजीकरण से लेकर प्रसव पूर्व, प्रसव कालीन व प्रसवोत्तर सभी सेवायें उपलब्ध करवाती है। आशा को इस कार्य हेतु ग्रामीण क्षेत्र में कुल रू0 600.00 एवं शहरी क्षेत्र में कुल रू० 400.00 दिये जाते हैं। वर्तमान सरकार के 08 वर्ष के कार्यकाल में लगभग दो करोड़ महिलाओं को लाभान्वित किया गया है।
जननी शिशु सुरक्षा कार्यक्रम प्रदेश के समस्त जनपदों में लागू है। इस योजना का मुख्य उद्देश्य प्रसव हेतु आने वाली गर्भवती महिलाओ को Guaranteed Cashless Delivery सेवा प्रदान करना है इस योजना के अन्तर्गत सभी गर्भवती महिलाओं एवं प्रसूताओं को समस्त औषधियां एवं जॉच-ब्लड, यूरिन, अल्ट्रासोनोग्राफी आदि स्वास्थ्य सेवायें निःशुल्क प्रदान की जा रही है। साथ ही सभी गर्भवती महिलाओं एवं प्रसूताओं (सामान्य एवं सिजेरियन प्रसव) को चिकित्सालय में भर्ती रहने के दौरान निःशुल्क भोजन प्रदान किया जा रहा है। निःशुल्क भोजन उपलब्ध कराने हेतु प्रति लाभार्थी रु० 150 प्रति दिन की अधिकतम दर तक धनराशि व्यय की जा सकती है, जिसमें सुबह का नाश्ता एवं दो समय का भोजन सम्मिलित होता है।
गर्भवती महिला को प्रसव पूर्व घर से चिकित्सा इकाई तक एवं प्रसवोपरान्त चिकित्सा इकाई से घर तक निःशुल्क एम्बुलेन्स 102 के माध्यम से पहुँचाया जा रहा है।
प्रसवों के उपरान्त मां की 42 दिन तक और बच्चे की एक वर्ष तक पूरी देखभाल / टीकाकरण/बीमार होने पर निःशुल्क चिकित्सा व्यवस्था, घर से चिकित्सा इकाई तक एवं चिकित्सा इकाई से घर तक एवं चिकित्सा इकाई से अन्य चिकित्सा इकाई तक पहुंचाने की निःशुल्क सुविधा एम्बुलेंस 102 के माध्यम से दी जा रही है। इस योजनान्तर्गत प्रदेश में करोड़ों महिलाओं को भोजन, गर्भवती महिलाओं की जाँच एवं उनका उपचार किया गया है।
मातृ मृत्यु समीक्षा कार्यक्रम के अन्तर्गत एस०आर०एस० सर्वे के अनुसार 2011-13 की रिपोर्ट के अनुसार उत्तर प्रदेश का मातृ मृत्यु अनुपात 285 प्रति 1 लाख जीवित जन्म था। वर्ष 2017-19 की एस०आर०एस० सर्वे के अनुसार उत्तर प्रदेश का मातृ मृत्यु अनुपात घटकर 167 प्रति 1 लाख जीवित जन्म हो गया है। राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के अन्तर्गत प्रदेश में वर्ष 2020 तक इसे 170 प्रति 1 लाख जीवित जन्म तक लाने का लक्ष्य रखा गया था, जो प्रदेश में अच्छी एवं गुणवत्तापूर्ण चिकित्सीय सुविधा उपलब्ध कराते हुए एक वर्ष पूर्व ही अर्जित कर लिया गया। समस्त जनपदों में मातृ मृत्यु को कम करने के लिए पी0पी0एच0 प्रबन्ध प्रशिक्षण कराया गया। सतत् विकास लक्ष्य के अन्तर्गत वर्ष 2030 तक मातृ मृत्यु को 70 से कम किये जाने के लिए कार्य किये जा रहे है।
प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान के अन्तर्गत प्रत्येक माह की 9 तारीख को ब्लॉक स्तरीय चिकित्सालयों में यह कार्यक्रम चलाया जाता है। प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान का मुख्य उद्देश्य निःशुल्क स्वास्थ्य सेवाओं को सभी गर्भवती महिलाओं तक पहुंचाना और उन्हें सुरक्षित संस्थागत प्रसव के लिए प्रेरित करना है, जिसमें द्वितीय व तृतीय त्रैमास की गर्भावस्था वाली महिलाओं को न्यूनतम एक जाँच चिकित्सक द्वारा प्रदान की जाती है। प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान के अन्तर्गत समस्त जनपदों के 100 से अधिक प्रसव भारवाले सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों पर पी०पी०पी० मोड पर गर्भवती महिलाओं के लिए अल्ट्रासाउण्ड की सुविधा माह सितम्बर, 2017 से प्रारम्भ की गई है, जिसके अन्तर्गत लाखो महिलाओं की अल्ट्रासाण्उड की गई। प्रदेश सरकार गर्भवती महिलाओं को उच्च गुणवत्ता की स्वास्थ्य सेवायें प्रदान कर रही है।
द दस्तक 24
प्रभारी पत्रकार तहसील कोरांव प्रयागराज उमाशंकर कुशवाहा 7571974858