लोकसभा में बृहस्पतिवार को एक मंत्री को फिर से अपने सांसद का निशाना बनना पड़ा। एयर इंडिया की माली हालत के लिए भाजपा सांसद गोपाल शेट्टी ने व्यापक भ्रष्टाचार को जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने कहा कि जब एक लाख का जहाज दो लाख में खरीदा जाएगा तो यही परिणाम सामने आएगा। इसी दौरान कांग्रेस के मनीष तिवारी ने पूछा कि जब जेट एयरवेज के बंद हो जाने के बाद एयर इंडिया की हालत सुधर रही है तब सरकार इसे बेचना क्यों चाहती है? प्रश्नकाल के दौरान सांसद शेट्टी ने कहा कि बीती लोकसभा में वह संसद की वित्तीय समिति से जुड़े थे। ऐसी शिकायत है कि एयर इंडिया का प्रबंधन दोगुनी कीमत पर हवाई जहाज खरीदता है। इसके लिए बैंक से उतना ही ऋण लेता है। ऐसे में ब्याज बढ़ेगा। जरूरत ऐसे लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने की है।
इतना ही नहीं शेट्टी ने कहा कि देश में बड़ी कंपनियां डूब रही हैं और छोटी कंपनी मुनाफा कमा रही है। हम बस संसद में चर्चा करके चुप बैठ जाते हैं। उन्होंने कहा कि बंद हुए यात्रियों की सुविधा और कर्मचरियों के भविष्य को सुरक्षित करने के लिए सरकार स्टेट बैंक ऑफ इंडिया को इस कंपनी को चलाने की इजाजत क्यों नहीं देती। अगर ऐसा संभव नहीं है कि इसे इंडिगो को क्यों नहीं देती?
इसी दौरान सांसद तिवारी ने कहा कि खुद मंत्री कह रहे हैं कि एयर इंडिया में यात्रियों की संख्या बढ़ रही है। स्थिति में भी सुधार आ रहा है। ऐसे में सवाल यह है कि इसके बावजूद सरकार एयर इंडिया को बेचने पर क्यों आमदा है? जवाब में नागरिक उड्डयन मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने कहा कि उनका मंत्रालय किसी बैंक या कंपनी को सलाह नहीं दे सकता। यह उनके मंत्रालय के अधिकार क्षेत्र में नहीं है। पुरी ने निवेश के माध्यम से एयर इंडिया की हालत सुधारने का भरोसा दिया।