साल 1900 की शुरूआत के साथ छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर और धमतरी के बीच छोटी लाइन की छुक छुक गाड़ी चलना शुरू हुई। उस वक्त नेरो गेज की यह ट्रेन यहां के लोगों के लिए एक बड़े सपने के साकार होने जैसी थी। इस सड़क ने रायपुर से धमतरी के बीच के ग्रामीणों के जीवन में एक क्रांतिकारी परिवर्तन लाया और यहां विकास के एक नए युग की शुस्र्आत की।
महात्मा गांधी भी इसी ट्रेन पर सवार होकर कंडेल सत्याग्रह आंदोलन में शामिल होने के लिए धमतरी पहुंचे थे। छोटी लाइन की यह रेल गाड़ी यहां स्वतंत्रता आंदोलन की भी साक्षी बनी। दौर बदला और बदलाव के इस दौर में अब 118 साल पुरानी इस नेरो गेज ट्रेन की जगह ब्रॉड गेज की ट्रेन लेने जा रही है। शनिवार को केंद्रीय रेल मंत्री पीयूष गोयल के धमतरी आ रहे हैं। वे यहां इस नैरो गेज रेल लाइन की जगह ब्रॉड गेज लाइन की आधारशिला रखेंगे। इसी के साथ एक शताब्दी से भी ज्यादा समय तक लोगों के लिए लाइफ लाइन बनी रही छुक छुक गाड़ी इतिहास के पन्नों में दर्ज हो जाएगी। हालांकि ब्रॉड गेज का काम पूरा होने तक यह परिचालन जारी रहेगा।
एक सदी का यादगार सफर
रायपुर से धमतरी तक छोटी रेललाइन का सौ वर्षों से भी अधिक का यादगार सफर रहा है। ग्रामीणों के लिए बेहद महत्वपूर्ण ट्रेन बनी हुई है। हालांकि कुछ वर्षो से इस ट्रेन से रेलवे को राजस्व का नुकसान हो रहा था। रायपुर रेल्वे स्टेशन से नया रायपुर ग्राम केन्द्री के बीच 22 किलोमीटर नैरोगेज लाइन की 76.96 हेक्टेयर जमीन पर एक्सप्रेस-वे का निर्माण किया जा रहा है। पिछले साल 1 मई से केंद्री स्टेशन से इस ट्रेन का परिचालन धमतरी तक किया जा रहा था।
ऐसा रहा छोटी रेललाइन का सफर
छोटी रेललाइन के लिए वर्ष 1871 में नागपुर के साथ कृषि समृद्घ छत्तीसगढ़ को रेल सेवाओं से जोड़ने के लिए सर्वे किया गया। इस दौरान नागपुर से रायपुर तक रेललाइन बिछाने के लिए नागपुर-छत्तीसगढ़ रेल कंपनी का गठन किया गया। 1891 में रायपुर से धमतरी के लिए 44 मील सर्वेक्षण का काम शुरू हुआ। वहीं 17 अप्रैल 1896 को रायपुर-अभनपुर-राजिम के ट्राम वे की अनुमति मिली। वर्ष 1900 में सितंबर से दिसंबर के मध्य 45.74 मील लंबी रेल लाइन को यातायात के लिए खोला गया।
ऑस्ट्रेलिया की कंपनी ने बनाए थे इंजन
छोटी रेललाइन के इंजन को ऑस्ट्रेलिया की मेंनिंग वार्डले कंपनी ने बनाया था। कंपनी ने कुल चार इंजन तैयार किए। रेलवे की तकनीकी भाषा में इन इंजनों को आरडी इंजन के नाम से जाना गया।
4 दशक पुरानी है ब्रॉड गेज में बदलने की मांग
118 साल पुरानी धमतरी-रायपुर नैरो गेज रेल लाइन को ब्रॉड गेज में बदलने के लिए पिछले 4 दशक से धमतरी के लोग मांग करते रहे हैं। मंत्री के आगमन के लिए धमतरी स्टेशन की साफ-सफाई के साथ मरम्मत और रंगरोगन किया जा रहा है। दूसरी तरफ इस पूरे मुद्दे पर चुनावी रंग भी चढ़ चुका है। बीजेपी इसका श्रेय मोदी और रमन सरकार को दे रही है। वहीं कांग्रेस की तरफ से दस्तावेजी प्रमाण मांगे जा रहे हैं। दोनों तरफ से तीखे आरोप प्रत्यारोप के तीर चलने लगे हैं।