आजमगढ़: बाल श्रम अपराध है समाज के लिए एक अभिशाप

बूढनपुर ग्रामीण पुनर्निर्माण संस्थान द्वारा संचालित ग्रामीण महिला सशक्तिकरण कार्यक्रम के अन्तर्गत आज अतरौलिया ब्लॉक के 10 ग्राम पंचायतों में नारी संघ के साथ सामुदायिक बैठक के माध्यम से बाल श्रम निषेध दिवस पर चर्चा किया गया । जिसमें संस्था कार्यकर्ता ज्योति द्वारा बताया गया कि पूरी दुनिया में प्रत्येक वर्ष 12 जून को विश्व बाल श्रम निषेध दिवस के रूप में मनाया जाता है। इस दिवस को मनाने की पहल अंतर्राष्ट्रीय श्रम संगठन ने की थी, जिसका मकसद बाल श्रम को रोकना था। इसको मनाने के पीछे एक खास वजह यह थी कि बच्चों को मजदूरी न कराकर उनको स्कूलों की ओर शिक्षा के लिए प्रेरित किया जा सके। बाल श्रम लगातार एक गंभीर समस्या बनता जा रहा है, जिसके कारण बच्चों का बचपन गर्त में जा रहा है और उनको अपना अधिकार नहीं मिल पा रहा है। हर साल विश्व बाल श्रम निषेध दिवस की अलग अलग थीम होती है जिसमें इस साल विश्व बाल श्रम निषेध दिवस का थीम *”प्रगति स्पष्ट है, लेकिन अभी और काम करना है: आइए प्रयासों को गति दें”। बाल श्रम का प्रमुख कारण गरीबी है, जिसके कारण बच्चों को पढ़ाई छोड़कर मजबूरी में मजदूरी चुनना पड़ता है। हालांकि, कई बच्चों को अपराध, बाल श्रम के लिए मजबूर किया जाता है। इस दिवस को मनाने का विशेष महत्व बच्चों के अधिकारों पर लोगों का ध्यान केंद्रित करना है ताकि बाल श्रम को रोका जा सके।

अजय कुमार ब्यूरो चीफ आजमगढ़

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