आज की अनसुनी दास्तान पाकिस्तान में म्यूजिक इंडस्ट्री का नक्शा बदलने वाली सिंगर नाजिया हसन की है, जिन्होंने भारत में ऐसे रिकॉर्ड कायम किए जो आज भी कायम हैं। 15 साल की उम्र में स्कूल यूनिफॉर्म पहनकर इन्होंने फिल्म कुर्बानी (1980) का गाना ‘आप जैसा कोई मेरी जिंदगी में आए’ रिकॉर्ड किया। जिसके लिए इन्हें बेस्ट फीमेल प्लेबैक सिंगर का फिल्मफेयर अवॉर्ड मिला।
नाजिया पहली पाकिस्तानी कलाकार हैं, जिन्हें भारत में फिल्मफेयर अवॉर्ड मिला। सबसे कम उम्र में ये अवॉर्ड जीतने का रिकॉर्ड आज भी इन्हीं के नाम है। इनके गाए गाने भारत, पाकिस्तान समेत लंदन, अमेरिका, रशिया में भी पसंद किए जाते थे।
दुनिया नाजिया की आवाज की दीवानी थी, लेकिन उनकी निजी जिंदगी दर्दनाक थी। जिस बिजनेसमैन से इनकी शादी हुई वो इन्हें पीटता था। कई बार तो पति ने ही इन्हें जहर देने की कोशिश की। पति के धोखे, मारपीट और तनाव का असर इनकी हेल्थ पर पड़ा और महज 35 साल की उम्र में ये दुनिया से रुख्सत हो गईं
15 की उम्र में पॉपुलैरिटी और 35 साल में हुई दर्दनाक मौत के दरमियानी उथल-पुथल भरे 20 साल की कहानी आज पढ़िए अनसुनी दास्तानें के इन दो चैप्टर में
नाजिया हसन का जन्म 3 अप्रैल 1965 को कराची, पाकिस्तान में हुआ। ये पाकिस्तान के नामी बिजनेसमैन बासिर हसन और सोशल वर्कर मुनीजा बासिर की बेटी थीं। कराची में जन्म लेने के बाद इनकी परवरिश और पढ़ाई लंदन में ही हुई
नाजिया हसन की मां मुनीजा और जीनत अमान अच्छी दोस्त थीं। एक दिन जीनत उनके लंदन स्थित घर पहुंचीं तो कमरे में उनकी नजर गिटार पर पड़ी। वो झट से पूछ पड़ीं, अरे ये कौन बजाता है। मुनीजा ने जवाब दिया, मेरे दोनों बच्चे म्यूजिक में दिलचस्पी रखते हैं। नाजिया उस समय घर पर ही थीं। जब नाजिया ने गाना शुरू किया तो जीनत को काफी पसंद आया। बातचीत के बाद वो निकल गईं।
एक दिन बाद जीनत ने मुनीजा को कॉल किया और कहा, प्रोड्यूसर और एक्टर फिरोज खान नई फिल्म बना रहे हैं और उन्हें इसके लिए एक नई आवाज की जरूरत है, मुझे लगता है कि नाजिया की आवाज उन्हें पसंद आएगी।
ये किस्सा नाजिया की मां ने बीबीसी को दिए एक इंटरव्यू में सुनाया था। मुनीजा ने पहली बार में ही इनकार कर दिया, क्योंकि मुस्लिम परिवार की लड़कियों को इतना खुला माहौल नहीं दिया जाता था। इनकार सुनने के बावजूद जब जीनत अमान ने जिद की तो उन्होंने समय मांगा।
उसी शाम जब नाजिया के पिता घर आए तो मुनीजा ने जीनत के कॉल का जिक्र किया। पिता काफी नाराज हुए और दोनों के बीच बहस शुरू हो गई। कुछ मिनटों की बहस के बाद पिता को भी मां के आगे झुकना पड़ा। आगे जीनत के कहने पर मुनीजा और नाजिया यूनाइटेड किंगडम में हुई एक पार्टी में पहुंचे, जहां उनकी मुलाकात फिरोज खान से हुई। फिरोज ने नाजिया को ऑडिशन के लिए बुलाया।
15 साल की नाजिया की आवाज से इम्प्रेस होकर फिरोज ने उन्हें अपनी फिल्म कुर्बानी (1980) में गाने का मौका दिया। नाजिया ने फिल्म के लिए आप जैसा कोई मेरी जिंदगी में आए गाना गाया, जो चार्टबस्टर साबित हुआ। गाने की रिकॉर्डिंग यूके में ही हुई थी, जिसके लिए नाजिया अपने स्कूल से हाफ-डे लेकर स्कूल ड्रेस में ही रिकॉर्डिंग के लिए जाती थीं।
गाने की रिकॉर्डिंग के बाद नाजिया अपनी पढ़ाई में व्यस्त हो गईं, लेकिन जब फिल्म रिलीज हुई तो ये गाना चार्टबस्टर साबित हुआ। एक दिन मुनीजा के पास राज कपूर का कॉल आया। उन्होंने कहा कि इस साल बेस्ट प्लेबैक सिंगर का अवॉर्ड नाजिया को मिलेगा, क्या आप इसे लेने भारत आएंगे।
पूरा परिवार भारत आया और नाजिया को शोमैन राज कपूर के हाथों ही अवॉर्ड दिया गया। अवॉर्ड नाइट के दिन जिस होटल में नाजिया ठहरी थीं, वहां दर्जनों मीडिया कर्मियों का जमावड़ा उनसे बात करने के लिए इंतजार कर रहा था।
नाजिया को 1981 में आप जैसा कोई मेरी जिंदगी में आए गाने के लिए बेस्ट फीमेल प्लेबैक सिंगर का फिल्मफेयर अवॉर्ड दिया गया। ये पहली पाकिस्तानी सिंगर थीं जिन्हें भारत में ये अवॉर्ड मिला था। नाजिया पहली सिंगर हैं जिन्हें सिर्फ 15 साल की उम्र में ये अवॉर्ड मिला। उनसे पहले और बाद में आज तक फिल्मफेयर अवॉर्ड के इतिहास में ऐसा दोबारा नहीं हुआ।
पहले गाने के बाद ही कम उम्र की नाजिया एक नेशनल सेंसेशन बन गईं। इन्होंने 1981 में एलबम डिस्को दीवाने लॉन्च किया। ये एलबम रिलीज करने वालीं पहली प्लेबैक सिंगर थीं। डिस्को दीवाने एलबम भारत और पाकिस्तानी का बेस्ट सेलिंग एलबम था। साथ ही इसे वेस्टइंडीज, लैटिन अमेरिका और रशिया में भी काफी पसंद किया गया। पहले ही एलबम से नाजिया इंटरनेशनल सिंगर बन गई थीं
बेहतरीन सिंगर होने के साथ-साथ नाजिया बेहद सुंदर भी थीं। उनके पॉपुलर होने के बाद हर नामी फिल्ममेकर उन्हें अपनी फिल्म में साइन करना चाहता था। हालांकि परिवार के लिए हर बार नाजिया ऑफर ठुकरा दिया करती थीं। दरअसल, नाजिया के परिवार वाले पढ़ाई को उनके लिए एक बेहतर विकल्प मानते थे।
नाजिया हसन का एलबम डिस्को दीवाने इतना पॉपुलर हुआ कि नाजिया जहां जाती थीं वहां भीड़ लग जाती थी। एक बार जब ये कोलकाता एयरपोर्ट पहुंचीं तो इन्हें देखने भर के लिए एक लाख लोग जमा हो गए। नाजिया की बढ़ती पॉपुलैरिटी देखते हुए बिड्डू ने उन्हें म्यूजिक एलबम स्टार (1982) में एक्ट करने का ऑफर दिया, लेकिन उन्होंने सिर्फ गाना चुना।
1984 में रिलीज हुआ नाजिया का एलबम यंग तरंग पाकिस्तान का पहला एलबम था, जिसमें म्यूजिक वीडियो था। ये उस जमाने का एशिया का सबसे पॉपुलर एलबम था।
1991 में नाजिया ने अपने भाई जोहेब के साथ म्यूजिक एलबम कैमरा-कैमरा रिलीज किया, जिसके ठीक बाद उन्होंने अनाउंसमेंट की कि ये उनका आखिरी एलबम है। पर्सनल लाइफ में फोकस करने के लिए नाजिया ने हमेशा के लिए गाना छोड़ दिया।
लंदन से पढ़ाई पूरी करने के बाद 1991 में नाजिया ने विमेंस इंटरनेशनल लीडरशिप प्रोग्राम में इंटर्नशिप की और बाद में उन्होंने नेशनल सिक्योरिटी काउंसिल में नौकरी की। उन्होंने लॉ की डिग्री भी ली
30 मार्च 1995 को नाजिया ने कराची के बिजनेसमैन मिर्जा इश्तियाक बेग से शादी कर ली। इश्तियाक से नाजिया की अरेंज मैरिज थी। 1997 में नाजिया ने बेटे अरेज को जन्म दिया। शादी के कुछ समय बाद ही दोनों के बीच अनबन होने लगी।
नाजिया के पति का पाकिस्तानी एक्ट्रेस से अफेयर था। जैसे ही ये बात उन्हें पता चली तो घर में झगड़े और बढ़ गए। एतराज करने पर पति उनके साथ मारपीट करने लगा।
नाजिया से पहले इश्तियाक की दो शादियां हो चुकी थीं, लेकिन ये बात नाजिया के घरवालों से छिपाई गई थी। नाजिया से पहले इश्तियाक ने फिलीपींस की डांसर हेजल से शादी की थी, जिससे उनका एक बेटा इमरान बेग था। उनकी दूसरी शादी पाकिस्तानी एक्ट्रेस शाजिया से हुई थी। दूसरी पत्नी ने बेग की मेंटल कंडीशन खराब होने पर तलाक ले लिया था। ये दोनों शादियां नाजिया के परिवार से राज रखी गई थीं।
21 जून 2000 को नाजिया ने पाकिस्तान के नामी न्यूजपेपर डेली जंग को आखिरी इंटरव्यू दिया था, जिसमें उन्होंने पहली बार मारपीट और पति के जुल्मों पर खुलकर बात की। नाजिया ने बताया कि पति मारपीट कर उन पर दबाव बनाता था कि मीडिया में ये कहा जाए कि उनकी शादीशुदा जिंदगी खुशहाल चल रही है, हालांकि ऐसा नहीं था
जब नाजिया को कैंसर हुआ तो उनके पति ने इलाज का खर्च उठाने से भी इनकार कर दिया। नाजिया कहती थीं, पति इश्तियाक बेग के साथ रहने की जगह वो मरना पसंद करेंगी। नाजिया के भाई ने भी एक स्टेटमेंट में बताया था कि उनकी बहन को उसके पति ने बंदी बनाकर रखा था
पति से परेशान होकर नाजिया ने साल 2000 में मुस्लिम लॉ के तहत पति से तलाक ले लिया था और अपने पेरेंट्स के साथ रहने लगीं। पति से तलाक लेने के बाद नाजिया का इलाज उनके घरवालों ने लंदन में करवाया। नाजिया की 5 कीमोथैरेपी हुई
इलाज के दौरान नाजिया ने अपने वकील और कुछ गवाहों के सामने एक बयान दिया था, जिसमें उन्होंने कहा कि पति उन्हें जहर दे रहा है और स्लो पॉइजन से उनके शरीर के अंग खराब हो रहे हैं। ये बात लंदन में नाजिया का इलाज कर रहे डॉक्टर्स भी जानते थे। नाजिया ने कहा था कि अगर उनकी मौत होती है तो इस बात की जांच की जाए।
10 अगस्त 2000 को नाजिया की हालत बिगड़ने पर उन्हें लंदन के नॉर्थ लंदन होस्पाइज (हॉस्पिटल) में भर्ती करवाया गया था। इलाज के दौरान उनकी हालत सुधर रही थी और डॉक्टर्स उन्हें घर भेजने वाले थे, लेकिन वो घर नहीं लौट सकीं
13 अगस्त 2000 को सुबह 9ः15 बजे हॉस्पिटल ने नाजिया की मां मुनीजा को कॉल कर जानकारी दी कि उनकी बेटी जोर-जोर से खांस रही है। मां अस्पताल के लिए निकलीं, लेकिन उनके पहुंचने से पहले ही नाजिया की मौत हो चुकी थी।
नाजिया की मौत के बाद उनका पोस्टमॉर्टम हुआ। वकील द्वारा नाजिया का आखिरी स्टेटमेंट मिलने के बाद लंदन पुलिस ने दोबारा नाजिया की अटॉप्सी करवाई। इस हाईप्रोफाइल केस की गहराई से जांच करने के लिए नॉर्थ वेस्ट लंदन पुलिस ने नाजिया के पेरेंट्स का गोल्डर्स ग्रीन स्थित घर और पति का घर सीज कर दिया। दोनों घरों में फोरेंसिक टीम ने डिटेल में जांच की
यूके ने कुछ महीनों बाद एक जांच रिपोर्ट जारी की जिसमें स्कॉटलैंड यार्ड जासूसों के अनुसार, नाजिया की मौत का कारण लंग कैंसर बताया गया था। उन्होंने पाया कि ये एक नेचुरल डेथ थी। पाकिस्तानी के नामी न्यूज चैनल जियो टीवी के अनुसार 13 अगस्त को हुई नाजिया की मौत के बाद 5 महीनों तक जांच के लिए उनका शव लंदन के मुर्दाघर में रखा गया था
परिवार को उनका शव 5 महीने बाद 9 जनवरी 2001 को सौंपा गया था। नाजिया का अंतिम संस्कार लंदन के हेंडन कब्रिस्तान में हुआ था। पहले उन्हें पाकिस्तान लाया जाना था, लेकिन शव मिलने में देरी होने से लंदन में ही उनका अंतिम संस्कार किया गया था
नाजिया के पति ने उनकी मौत के बाद तलाक की बात को निराधार कहा। उन्होंने कहा कि मौत के समय भी नाजिया उनकी पत्नी थीं। हालांकि नाजिया के घरवालों का कहना है कि नाजिया ने मौत से 3 महीने पहले ही उन्हें मुस्लिम लॉ के तहत तलाक दे दिया था। इश्तियाक आज भी नाजिया को अपनी पत्नी मानते हैं, जबकि नाजिया के बेटे अरेज की कस्टडी उन्हें नहीं दी गई थी।
नाजिया की मौत के बाद 2002 में पाकिस्तान के तत्कालीन प्रेसिडेंट परवेज मुशर्रफ ने उन्हें प्राइड ऑफ पाकिस्तान का अवॉर्ड दिया। नाजिया की जगह ये अवॉर्ड उनकी मां लेने पहुंची थीं।
नाजिया हसन गानों से मिलने वाली अपनी सारी कमाई जरूरतमंद बच्चों को दान करती थीं। ये कराची के बच्चों के लिए दान करती थीं। इसके अलावा ये फंड इकट्ठा करने के लिए भी कई कॉन्सर्ट करती थीं। इन्होंने BAN (बेटल अगेंस्ट नार्कोटिक्स) ऑर्गेनाइजेशन शुरू किया था, जो ड्रग्स के इस्तेमाल को रोकने का काम करता था।
इन्होंने पाकिस्तान के पूर्व इन्फॉर्मेशन मिनिस्टर के साथ भी फंड जुटाने का काम किया है। नाजिया अक्सर स्कूल में जाकर बच्चों को खिलौने बांटा करती थीं। ये अपना हर बर्थडे बच्चों के साथ मनाती थीं। मौत के बाद आज भी इनका परिवार ऐसे ही इनका जन्मदिन मनाता है।
नाजिया ने यूनिसेफ के साथ भी काम किया था। उनके बेहतरीन काम के चलते उन्हें कोलंबिया यूनिवर्सिटी में लीडरशिप प्रोग्राम की स्कॉलरशिप भी मिली थी, हालांकि कैंसर डिटेक्ट होने के बाद वो ये कर नहीं सकीं।