गौतमबुद्ध नगर: नोएडा,ग्रेटर नोएडा देश का सबसे प्रदूषित शहर:AQI 400 पहुंचा, बंद हो सकता है कंस्ट्रक्शन और फैक्ट्रियों का संचालन नोएडा,ग्रेटर नोएडा में रविवार सुबह 9 बजे भी आसमान में धुंध दिखाई दी। हाईराइज बिल्डिंगें भी धुंध में घिरी हुई थीं, जो स्पष्ट रूप से दिखाई नहीं दे पा रही थीं। मौसम वैज्ञानिकों का मानना है कि अभी हवाओं की रफ्तार थम गई है। इस वजह से प्रदूषण का स्तर लगातार बढ़ रहा है। ये धुंध और वायु प्रदूषण तभी कम हो सकता है, जब हवा की रफ्तार बढ़े।
केंद्रीय प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड (CPCB) ने शनिवार सुबह 8 बजकर 10 मिनट पर देश के 171 शहरों का एयर क्वालिटी इंडेक्स जारी किया था। इसमें ग्रेटर नोएडा पहले, दिल्ली दूसरे, नोएडा तीसरे और गाजियाबाद चौथे नंबर पर था।
नोट : ये रिपोर्ट शनिवार सुबह 8 बजकर 15 मिनट पर CPCB ने जारी की थी।
CMS डॉक्टर मनोज चतुर्वेदी ने बताया कि प्रदूषण बढ़ने से लोगों को सांस लेने में दिक्कत हो रही है। अस्पताल में सांस के मरीज बढ़ गए हैं। यहां OPD में सांस रोगी रोजाना 200 से ज्यादा पहुंच रहे हैं। अक्टूबर के दूसरे सप्ताह तक इनकी रोजाना संख्या 100 के आस-पास रहती थी। इसमें कई रोगी ऐसे हैं, जिन्हें गले की दिक्कत भी है। उन्होंने कहा कि दमा रोगियों को सर्वाधिक दिक्कत हो रही है।
मौसम वैज्ञानिक बोले- हवा की रफ्तार धमने से बढ़ा प्रदूषण
ग्रेटर नोएडा में प्रदूषण मापने के लिए दो स्टेशन बनाए गए हैं। इनमें नॉलेज पार्क-थर्ड स्टेशन का शनिवार सुबह का AQI 402 दर्ज किया गया है। यहां पर PM 2.5 और PM 10 का स्तर मानक से कई गुना ज्यादा बढ़ा मिला है।
ग्रैप के तीसरे फेज में क्या होगा?
एक अक्टूबर से दिल्ली-NCR में ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (ग्रैप) के दो फेज लागू हो चुके हैं। 400 AQI पार होने की स्थिति में ग्रैप का तीसरा फेज लागू कर दिया जाएगा। इसके तहत निर्माण कार्यों और ध्वस्तीकरण कार्यों पर रोक लग जाएगी।
पाइप्ड नेचुरल गैस (PNG) के बिना चल रही फैक्ट्रियों, ईंट भट्ठों, हॉट मिक्स प्लांट, स्टोन क्रशर को बंद किया जा सकता है। राज्य सरकार चाहे तो पेट्रोल के BS3 और डीजल के BS4 वाहनों के संचालन पर भी प्रतिबंध लगा सकती है।
ये सावधानी जरूर बरतें
प्रदूषण को कम करने के लिए सबसे पहले पॉलिथीन और टायर जैसी चीजें बिल्कुल न जलाएं।
ऐसी जगह पर न जाएं, जहां बहुत ज्यादा धुंध है। घर से बाहर मास्क एन-95 लगाकर निकलें।
अस्थमा और एलर्जी के मरीजों को विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है।
सांस और दिल की बीमारी वाले लोग अपना विशेष ध्यान रखें।
डायबिटीज और एचआईवी के मरीजों को भी खास सावधानी रखनी चाहिए।